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अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों से कम नहीं है महाराष्‍ट्र का सियासी ड्रामा, सस्‍पेंस-रोमांच का है भरपूर फ्लेवर

महाराष्‍ट्र के राजनीतिक ड्रामे का रोमांच अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों में ही दिख सकता है. जासूसी का मामला सामने आने के बाद महाराष्‍ट्र की राजनीति में थ्रिलर का तड़का भी लग चुका है.

Updated on: 25 Nov 2019, 07:44 AM

नई दिल्‍ली:

निर्देशक अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों के शौकीन लोगों के लिए महाराष्‍ट्र का सियासी ड्रामा (Political Dramma of Maharashtra) जबर्दस्‍त सस्‍पेंस, रोमांच, 'रोमांस' और थ्रिलर लेकर आया है. अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों में अंत तक सस्‍पेंस बना रहता है, जैसा कि महाराष्‍ट्र की राजनीति इस समय नजर आ रहा है. महाराष्‍ट्र के राजनीतिक ड्रामे का रोमांच अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों में ही दिख सकता है. जासूसी का मामला सामने आने के बाद महाराष्‍ट्र की राजनीति में थ्रिलर का तड़का भी लग चुका है. दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) और शिवसेना (Shiv Sena) जैसी धुर विरोधी पार्टियों की रोमांस की कहानी भी चर्चा में हैं.

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सस्‍पेंस : महाराष्‍ट्र की राजनीति में सस्‍पेंड अपने शबाब पर है. किसी को कुछ पता नहीं चल रहा है कि अगले पल क्‍या होने वाला है. पल-पल वहां की कहानी बदल रही है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार शिवसेना और कांग्रेस से लगातार संवाद कायम किए हुए हैं तो अजीत पवार अपनी अलग ही कहानी लिखने में व्‍यस्‍त हैं. कभी विधायकों के होटल में शिफ्ट होने की बात सामने आ रही तो कभी उनकी जासूसी की खबरें आ रही हैं. विधायकों के रातोंरात होटल बदल दिए जा रहे हैं. उनके मोबाइल फोन रखवा लिए गए हैं. हलफनामा लिया जा रहा है. फिर भी कोई पार्टी आश्‍वस्‍त नहीं है कि विधानसभा के पटल पर क्‍या होगा. अजीत पवार के कदम से एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना का आत्‍मविश्‍वास एकदम से हिल गया है. तीनों दल 'ऑपरेशन कमल' के बहाने बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं का दावा है कि सदन के पटल पर वो बहुमत साबित करके दिखाएंगे.

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रोमांच : जैसा कि अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों में होता है, किसी को पता नहीं कि अगले पल क्‍या होने वाला है. उसी तरह महाराष्‍ट्र की राजनीति में बीते दो दिनों से हो रहा है. किसी पत्रकार तो क्‍या पार्टी नेताओं को भी पता नहीं चल पा रहा है कि अगले पल क्‍या होने वाला है. महाराष्‍ट्र के नेताओं का समय भागदौड़ में बीत रहा है. टीवी के स्‍क्रीन पर कभी बीजेपी, कभी एनसीपी, कभी शिवसेना तो कभी कांग्रेस नेताओं की भागदौड़ देखने को मिल रही है. दिल्‍ली से लेकर महाराष्‍ट्र तक सरगर्मी मची हुई है. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. पल-पल वहां की सियासत बदल रही है. टीवी पर हालत यह है कि एक नेता की बाइट खत्‍म नहीं होती कि दूसरे की शुरू हो जाती है. जो दिख रहा है उसके अलावा भी राजनीति चल रही है. अंदरखाने भी बैठकों, भागदौड़ का दौर चल रहा है. फोन पर नेता एक-दूसरे से घंटों बात कर रहे हैं.

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थ्रिलर : महाराष्‍ट्र की राजनीति में दो दिनों से सस्‍पेंस और रोमांच ही चल रहा था कि रविवार रात को जासूसी कांड की चर्चा से थ्रिलर को भी एंट्री मिल गई. मुंबई के पवई स्थित एक होटल में ठहरे एनसीपी के कुछ विधायकों ने आरोप लगाया कि उनकी जासूसी की जा रही है. टीवी पर कुछ विजुअल्‍स भी चल रहे थे, जिसमें विधायक एक पुलिस अधिकारी को सादी वर्दी में घेरकर उससे पूछताछ कर रहे थे. इसके बाद से शिवसेना ने भी अपने विधायकों की जासूसी कराए जाने का आरोप लगाया. इससे पहले भी जब विलासराव देशमुख की सरकार थी और कुछ विधायकों ने बगावत कर दी थी, तब आरोप लगाया गया था कि उनकी जासूसी कराई जा रही है. जासूसी के आरोपों के बाद शिवसेना और एनसीपी के विधायकों के होटल बदल दिए गए हैं. रविवार रात को उन्‍हें किसी दूसरे होटल में शिफ्ट किया गया.

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रोमांस : रोमांस शब्‍द इसलिए, क्‍योंकि कल तक शिवसेना और कांग्रेस एक दूसरे को फुटी आंख नहीं सुहाते थे. बालासाहेब ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे तक ने कांग्रेस को क्‍या-क्‍या नहीं कहा. बालासाहेब ठाकरे ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को इटैलियन मम्‍मी कहा था तो उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को मुर्ख तक कहा था. लेकिन समय की नजाकत को देखिए, दोनों दलों के नेताओं की गलबहियां आम हो गई हैं. यहां तक उद्धव ठाकरे कांग्रेस विधायकों से मिलकर उन्‍हें एकजुट होने की अपील करते हैं. कांग्रेस के नेता शिवसेना की वकालत करते देखे जा रहे हैं. कांग्रेस और शिवसेना के बीच उमड़ा यह अगाध प्रेम चर्चा का विषय बना हुआ है. इसलिए कहा जा सकता है कि महाराष्‍ट्र की राजनीति में इस समय सस्‍पेंस, रोमांच, थ्रिलर और रोमांस का कॉकटेल सिर चढ़कर बोल रहा है. इतना सब कुछ अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों में ही एक साथ मिल सकता है. तो आप भी महाराष्‍ट्र के इस सियासी ड्रामे का मजा उठाइए, क्‍योंकि पिक्‍चर अभी बाकी है....