महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) का प्लान बी तैयार, न शिवसेना (ShivSena) और न ही एनसीपी (NCP) का साथ होगा जरूरी
Political Dramma in Maharashtra : ताजा राजनीतिक हालात में बीजेपी (BJP) ने शिवसेना (Shiv Sena) के आगे न झुकने का फैसला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना को 31 अक्टूबर तक फैसला करने का अल्टीमेटम दे दिया है. माना जा रहा है कि 31 अक्टूबर तक शिवसेना नहीं मानती है तो बीजेपी (BJP) प्लान बी पर काम शुरू कर देगी.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवेसना (Shiv Sena) के नखरे के बाद बीजेपी ने अपना प्लान बी तैयार कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी (BJP) के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े का दावा है कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक अलग पार्टी बनाकर बीजेपी (BJP) को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं. काकड़े का दावा है कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक बीजेपी (BJP) के संपर्क में हैं. वे लोग बीजेपी का समर्थन करने को तैयार हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि या तो बीजेपी इस पर वाकई काम कर रही है या फिर शिवसेना को प्रेशर में लाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स खेल रही है.
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महाराष्ट्र में ताजा राजनीतिक हालात में बीजेपी ने शिवसेना के आगे न झुकने का फैसला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना को 31 अक्टूबर तक फैसला करने का अल्टीमेटम दे दिया है. माना जा रहा है कि 31 अक्टूबर तक शिवसेना नहीं मानती है तो बीजेपी (BJP) प्लान बी पर काम शुरू कर देगी.
बीजेपी का प्लान है कि शिवसेना के साथ मिलने या न मिलने की स्थिति में भी वह राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. इस दौरान बीजेपी छोटे दलों या फिर निर्दलीयों का समर्थन पत्र भी राज्यपाल के सामने पेश करेगी. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. राज्यपाल से बहुमत साबित करने को समय मिलने की स्थिति में बीजेपी एक बार फिर शिवसेना को मनाने की कोशिश करेगी. शिवसेना फिर भी नहीं मानती है तो बहुमत साबित करने को हरसंभव कोशिश की जाएगी.
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एनसीपी खुलेआम अगर समर्थन नहीं करती है तो कोशिश यह होगी कि एनसीपी वोटिंग का बॉयकॉट कर दे, ताकि बीजेपी के लिए राह आसान हो जाए. एनसीपी के 54 विधायकों के विरोध करने स्थिति में 289 सदस्यीय विधानसभा में 235 सदस्य रह जाएंगे और बहुमत साबित करने को 118 सदस्य ही चाहिए होंगे. इसमें बीजेपी (BJP) के 105 विधायकों के अलावा बीजेपी की कोशिश होगी कि छोटी पार्टियों और निर्दलीय के 13 विधायकों का साथ मिल जाए. अब तक 15 निर्दलीय विधायकों का समर्थन जोड़ दें तो बीजेपी के पास कुल 120 विधायकों की ताकत है.
यह भी प्लान है कि बहुमत साबित करने के बाद अगर शिवसेना लचीला रुख अपनाती है तो बीजेपी की शर्तों पर उसे सरकार एंट्री दी जाएगी और तब सरकार में मोलभाव करने की ताकत शिवसेना के पास नहीं, बल्कि बीजेपी के पास होगी. यानी विधायकों की संख्या के आधार पर शिवसेना को सरकार में जगह मिलेगी. इस तरह शिवसेना को ढाई साल का मुख्यमंत्री पद तो दूर, एक तिहाई विधायकों के ही मंत्री बनने की संभावना होगी.
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बताया जा रहा है कि इसी प्लान बी के चलते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुंबई का दौरा कैंसिल कर दिया है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. अब खबर है कि अमित शाह की जगह जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव मुंबई आएंगे. हालांकि इन नेताओं की अभी तक उद्धव ठाकरे से कोई मीटिंग तय नहीं हुई है.
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