यूं ही नहीं आत्मविश्वास से लवरेज हैं अजीत पवार, नया स्पीकर चुने जाने तक बने रहेंगे विधायक दल के नेता
NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने भले ही अजीत पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, अधिकांश विधायकों को अपने पाले में होने का दावा कर रही है, लेकिन तकनीकी रूप से विधायक दल के नेता अभी अजीत पवार ही हैं.
नई दिल्ली:
NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने भले ही अजीत पवार (Ajit Pawar) को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, अधिकांश विधायकों को अपने पाले में होने का दावा कर रही है, लेकिन तकनीकी रूप से विधायक दल के नेता अभी अजीत पवार ही हैं. विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने बैठक कर अजीत पवार को अपना नेता चुना था. उसमें पार्टी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) की भी सहमति थी. विधायक दल के नेता होने के नाते ही अजीत पवार ने राज्यपाल (Governor) को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी, जिसके बिना पर बीजेपी (BJP) ने सरकार बनाई. उसके बाद आनन-फानन में एनसीपी (NCP) ने अजीत पवार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल (Jayat Patil) को नया नेता चुन लिया गया.
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जानकारों के अनुसार, अजीत पवार को भले ही विधायक दल के नेता पद (CLP Leader) से हटा दिया गया है, लेकिन तकनीकी रूप से अब भी वहीं विधायक दल के नेता हैं. विधायक दल के नेता होने के नाते उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार बन गई. एक बार सरकार बन जाने के बाद अब राज्यपाल कुछ नहीं कर सकते. अब जो होगा विधानसभा के पटल पर होगा. एनसीपी को नए स्पीकर को विधायक दल के नेता को लेकर हुए बदलाव के बारे में लिखित सूचना देनी होगी. तब तक विधायक दल के नेता अजीत पवार ही रहेंगे.
इसका मतलब यह हुआ कि जो नई विधानसभा बैठेगी, उसमें विधायक दल का नेता होने के नाते अजीत पवार व्हिप जारी कर सकते हैं. नए स्पीकर के चुनाव को लेकर अजीत पवार का यह कदम काफी महत्वपूर्ण होगा. शायद इसलिए अजीत पवार अपनी लीगल टीम से लगातार संपर्क में हैं. इसका मतलब यह हुआ कि नए स्पीकर के चुनाव में अजीत पवार का खासा महत्वपूर्ण रोल होगा. अजीत पवार के व्हिप को मानना एनसीपी के विधायकों की मजबूरी होगी, अन्यथा उन्हीं पर दलबदल कानून लागू हो जाएगा.
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एक बार स्पीकर का चुनाव हो जाने के बाद एनसीपी विधायक दल का नेता बदलने के बारे में स्पीकर को सूचना देगी, तब जाकर नई व्यवस्था प्रभावी मानी जाएगी. तब तक अजीत पवार ही विधायक दल के नेता होंगे. इस तकनीकी पेंच के चलते ही अजीत पवार और बीजेपी के नेता आत्मविश्वास से लवरेज नजर आ रहे हैं. बीजेपी और अजीत पवार के पक्ष का स्पीकर चुने जाने के बाद आगे की राह भी आसान हो जाएगी.
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