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कांग्रेस (Congress) ने एक साल बाद फिर दोहराया इतिहास (History), अटका दीं बीजेपी (BJP) की सांसें

Haryana Assembly Election Results 2019 : तब मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में चुनाव थे और इस बार महाराष्‍ट्र और हरियाणा में. तब भी तीनों राज्‍यों में बीजेपी की सरकार थी और इस बार भी दोनों राज्‍यों में बीजेपी की सरकार है.

Updated on: 24 Oct 2019, 12:40 PM

highlights

  • पिछले साल मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस ने छीनी थी सत्‍ता
  • इस बार हरियाणा में बीजेपी को नाकों चने चबाने को हाेना पड़ा मजबूर
  • महाराष्‍ट्र में भी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने बीजेपी गठबंधन की जीत के अंतर को किया कम

नई दिल्‍ली:

Haryana Assembly Election Results 2019 : कांग्रेस (Congress) ने एक साल बाद खुद का इतिहास दोहराया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'कांग्रेस मुक्‍त भारत (Congress Mukt Bharat)' के नारे को पलीता लगाते हुए कांग्रेस (Congress) ने एक साल पहले भी शानदार वापसी की थी और इस बार भी मृतप्राय दिख रही पार्टी ने अपने प्रदर्शन से एक बार फिर कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. तब मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्‍थान (Rajasthan) और छत्‍तीसगढ़ (Chhattisgarh) में चुनाव थे और इस बार महाराष्‍ट्र (Maharashtra) और हरियाणा (Haryana) में. तब भी तीनों राज्‍यों में बीजेपी की सरकार थी और इस बार भी दोनों राज्‍यों में बीजेपी की सरकार है. रूझान बरकरार रहते हैं या फिर थोड़ा-बहुत उलटफेर होने पर भी नैतिक बल कांग्रेस का ही बढ़ेगा. अगर हरियाणा में कांग्रेस हार भी जाती है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हारकर भी जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं. महाराष्‍ट्र में भी कांग्रेस और एनसीपी ने बीजेपी और शिवसेना गठबंधन से हार के अंतर को कम कर दिया है.

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पिछले साल 2018 के अंत में चार राज्‍यों में विधानसभा चुनाव हुए थे. इनमें तीन बड़े राज्‍य राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ शामिल थे. तीनों राज्‍यों के चुनाव में कांग्रेस ने शानदार वापसी की थी. राजस्‍थान में वसुंधरा राजे सिंधिया, मध्‍य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और छत्‍तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार को जाना पड़ा था. छत्‍तीसगढ़ में तो एकतरफा चुनाव हुए थे और कांग्रेस ने दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई थी. दूसरी ओर, राजस्‍थान में बसपा के समर्थन से तो मध्‍य प्रदेश में सपा-बसपा दोनों के साथ मिलकर कांग्रेस को सत्‍ता हासिल हुई थी. तब लोकसभा चुनाव सिर पर थे और अब लोकसभा चुनाव के चार माह बाद ये चुनाव हुए हैं.

राजस्‍थान में वसुंधरा राजे की सरकार के जाने के बाद अशोक गहलोत ने सत्‍ता संभाली तो मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के बाद गद्दी संभाली. छत्‍तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने सरकार बनाई थी. हालांकि तब एससी-एसटी एक्‍ट के बाद मोदी सरकार द्वारा किए गए संविधान संशोधन को लेकर लोगों में नाराजगी थी और कांग्रेस ने इसे मुद्दा भी बनाया था, लेकिन इस बार इस तरह का कोई भी मुद्दा विधानसभा चुनावों में नहीं था. फिर भी कांग्रेस ने इस चुनाव में जानदार वापसी की और बीजेपी को नाकों चने चबाने को मजबूर होना पड़ा. 

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कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के बाद इस पहली अग्‍निपरीक्षा में कांग्रेस ने बीजेपी को पूरी तरह वॉकओवर नहीं दिया है, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था. एकाध को छोड़कर सभी एग्‍जिट पोल में बीजेपी की एकतरफा जीत के दावे किए जा रहे थे, लेकिन चुनाव परिणाम ने एग्‍जिट पोल के अनुमानों को ध्वस्‍त कर दिया. अभी यह पूरी तरह साफ नहीं है कि हरियाणा में किसके हाथ सत्‍ता आती है, लेकिन कांग्रेस ने खुद को मुकाबले में लाकर साबित कर दिया है.