हरियाणा (Haryana) में बीजेपी (BJP) के ठिठकने से विरोधियों को मिला ऑक्सीजन
Haryana Assembly Election Results 2019, haryana vidhan sabha chunav parinam : हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) की मतगणना में शुरुआत में भारी बढ़त बनाकर चल रही बीजेपी (BJP) के पांव जैसे ही ठिठके, विरोधियों को जैसे ऑक्सीजन मिल गया.
नई दिल्ली:
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) की मतगणना में शुरुआत में भारी बढ़त बनाकर चल रही बीजेपी (BJP) के पांव जैसे ही ठिठके, विरोधियों को जैसे ऑक्सीजन मिल गया. टीवी डिबेट की भाषा बदल गई. कांग्रेस का पक्ष रखने वाले जानकार पत्रकार भी टीवी की बहस में भारी पड़ने लगे. बीजेपी के प्रवक्ताओं के गले में भी खराश आ गई. भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) के आवास पर समर्थकों का जमावड़ा बढ़ गया और उन्होंने खुद की सरकार बनाने का दावा भी कर दिया.
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पोस्टल बैलेट और उसके बाद ईवीएम की शुरुआती काउंटिंग में बीजेपी ने बढ़त बना ली. एक समय बीजेपी 50 सीटों तक पहुंच गई थी और काफी देर तक वह 50 सीटों पर ही बनी रही. जब बीजेपी की सीटें काफी देर तक नहीं बढ़ीं तो खुसुर-फुसुर शुरू हो गई. उसके बाद अचानक बीजेपी की सीटें 50 से घटकर 48 पर आ गईं. उसके बाद से तो पूरा सीन ही बदल गया. एक समय तो बीजेपी की सीटें घटकर 38 तक आ गई थीं और कांग्रेस 36 तक पहुंच गई थी, लेकिन कमल फिर खिला और बढ़त 45 सीटों तक हासिल हो गई. उसके बाद से बीजेपी एक या दो सीटें अप या डाउन में चल रही है. दिलचस्प बात यह है कि चार महीने पहले बनी जननायक जनता पार्टी ने 8 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है.
यह भी खबर आने लगी कि बीजेपी ने प्रकाश सिंह बादल से जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला से बात करने को कहा है. प्रकाश सिंह बादल और चौटाला परिवार में पुराने संबंध रहे हैं. दूसरी ओर, अटकलें लगाई जाने लगीं कि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को कांग्रेस ने डिप्टी सीएम का पद ऑफर कर दिया है. कुल मिलाकर जो रूझान चल रहा है, वह कायम रहा तो दुष्यंत चौटाला किंग मेकर बन सकते हैं. हालांकि दुष्यंत चौटाला ने खुद को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त रखी है.
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हालांकि एक बात तो तय है कि कांग्रेस ने बिना नेतृत्व की सहायता के चुनाव लड़ा और बीजेपी को कड़ी चुनौती देती दिख रही है. बीजेपी की ओर से जहां पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाल रखा था, वहीं कांग्रेस की ओर से अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रैली तक नहीं की. एकमात्र प्रस्तावित रैली में भी सोनिया गांधी नहीं जा पाईं और राहुल गांधी ने वहां रैली की. उस राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बदौलत कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है, बल्कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर संकट भी गहरा गया है.
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