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चुनाव आयोग ने बीजेपी से कहा, स्‍टार प्रचारकों की लिस्‍ट से अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को हटाओ

चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को पार्टी की स्‍टार प्रचारकों की सूची से हटाने को कहा है.

Updated on: 29 Jan 2020, 01:47 PM

नई दिल्‍ली:

चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को पार्टी की स्‍टार प्रचारकों की सूची से हटाने को कहा है. दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में यह दूसरी बार है, जब चुनाव आयोग ने बीजेपी नेताओं पर किसी तरह की कार्रवाई की है. इससे पहले चुनाव आयोग ने मॉडल टाउन से बीजेपी उम्‍मीदवार कपिल मिश्रा पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार से दूर रहने का आदेश दिया था. साथ ही कपिल मिश्रा के विवादित ट्वीट को टि्वटर से बोलकर हटवा दिया था.

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केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर पर आरोप है कि उन्‍होंने रिठाला में आयोजित एक रैली में 'देश के गद्दारों को गोली मारो’ नारा लगाया था. कांग्रेस ने चुनाव अधिकारियों से इस बाबत शिकायत की थी और सख्‍त कार्रवाई की मांग की थी. रैली में, वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कहते देखे गए थे- “देश के गद्दारों को”, जिसपर भीड़ ने कहा, “गोली मारो***.” अनुराग ठाकुर रिठाला से बीजेपी प्रत्‍याशी मनीष चौधरी के समर्थन में एक जनसभा करने गए थे. चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए 30 जनवरी तक उनसे सफाई भी मांगी है. हालांकि इससे पहले चुनाव आयोग ने बीजेपी से कहा है कि वह स्‍टार प्रचारकों की सूची से बाहर करें.

दूसरी ओर, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने विवादित बयान देते हुए कहा था, 'पहले जो आग केरल और पश्चिम बंगाल में लगी थी वह अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे ये लोग आपके घरों में घुसेंगे. लोगों को मारेंगे, बहन बेटियों पर अत्याचार करेंगे. कल मोदी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आएंगे. इसलिए आज सही समय है.'  उन्‍होंने कहा, 'यह बात नोट करके रख लेना, यह छोटा-मोटा चुनाव नहीं है बल्कि देश में स्थिरता और एकता का चुनाव है. 11 तारीख को अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई तो एक घंटे के अंदर शाहीन बाग में एक भी आदमी दिखाई दिया तो मैं भी यही हूं और आप भी यही हैं.' प्रवेश वर्मा ने सरकारी जमीन पर मस्जिद का मसला उठाते हुए कहा, 'दिल्ली में मेरी सरकार बन गई तो 11 तारीख के बाद केवल एक महीने का समय मुझे दे देना.. मेरी लोकसभा क्षेत्र में जितनी मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी हैं उन सभी मस्जिदों को हटा देंगे.’

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उधर, 23 जनवरी को कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा था- 'दिल्ली में आठ फरवरी का चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले की तरह होगा.' चुनाव आयोग ने इस ट्वीट का संज्ञान लिया तो कपिल मिश्रा ने अपने बयान पर अडिग रहते हुए एक और ट्वीट किया- 'सच बोलने में डर कैसा, अपने बयान पर अडिग हूं.' चुनाव आयोग ने जारी नोटिस में कहा कि कपिल मिश्रा के कृत्य से आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन होता है और इस कानून के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है. उनसे यह भी पूछा गया है कि कारण बताएं कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए? चुनाव आयोग ने टि्वटर से कहकर कपिल मिश्रा के ट्वीट को हटवा भी दिया था.

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उससे पहले कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा था, शाहीन बाग में पाकिस्तान की एंट्री हो चुकी हैं. दिल्ली में छोटे-छोटे पाकिस्तान बनाए जा रहे हैं. शाहीन बाग, चांद बाग, इंद्रलोक में देश का कानून नहीं माना जा रहा. पाकिस्तानी दंगाइयों का दिल्ली की सड़कों पर कब्जा है. हालांकि राजधानी की क्रिकेट पिच पर दोनों देश आखिरी बार सात साल पहले भिड़े थे. दोनों क्रिकेट टीमों के बीच दिल्ली में तब से अब तक कोई मैच नहीं खेला जा सका है. दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के बीच यह वनडे मैच 6 जून 2013 को खेला गया था, जिसमें भारत ने 10 रनों से जीत दर्ज की थी.