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दिल्ली चुनाव में मतदाता विकास का दबाएंगे बटन, केजरीवाल सरकार फिर से दोहराएगी इतिहास: सर्वे

दिल्ली विधानसभा के चुनाव यदि आज हों तो आप आदमी पार्टी (आप) को बाहरी दिल्ली से अच्छा खासा लाभ होगा, जहां वह 26 सीटें जीत सकती है

Updated on: 06 Jan 2020, 11:44 PM

नई दिल्ली:

इस बार 8 फरवरी को होने वाला दिल्ली विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा. वोट देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं की पहली प्राथमिकता विकास का मुद्दा रहेगा. यह बात आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण में सामने आई है. सर्वेक्षण के दौरान जब मतदाताओं से महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल किया गया तो 56 फीसदी लोगों ने माना कि वह विकास संबंधी मुद्दों पर ही मतदान करने वाले हैं. इसके बाद 30.6 फीसदी लोगों का कहना है कि वह आर्थिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वोट देंगे. केवल 6.6 फीसदी मतदाताओं ने सुरक्षा के मुद्दे पर वोट देने की बात कही. जबकि अन्य मुद्दों पर वोट देने वाले 6.8 फीसदी लोग रहे.

यह पूछे जाने पर कि मौजूदा समस्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है, 14.3 फीसदी मतदाताओं ने राज्य सरकार को इसका जिम्मेदार बताया. वहीं 6.8 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नौ फीसदी लोगों ने स्थानीय विधायक पर समस्या पनपने का आरोप लगाया. कुल 12.3 फीसदी लोगों को लगता है कि मुद्दों और समस्याओं के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है, जबकि 4.1 फीसदी मतदाताओं को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं. महज 1.5 फीसदी लोगों ने समस्याओं के लिए सांसद को जिम्मेदार ठहराया. दिल्ली में फिलहाल सभी सात लोकसभा सीटें भाजपा के पास हैं. इसके साथ ही 6.9 फीसदी मतदाता समस्याओं के लिए स्थानीय नगर निगम को जिम्मेदार मानते हैं, जिसका संचालन भी भाजपा के पास ही है.

महज 4.8 फीसदी लोगों ने कांग्रेस पर जताया भरोसा 

एक बहुत बड़ी संख्या में 43.5 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि वे यह नहीं कह सकते कि यह किसकी जिम्मेदारी है. मतदाताओं से सवाल किया गया कि समस्याओं का समाधान कौन कर सकता है? इस पर 35.7 फीसदी से अधिक मतदाताओं का कहना है कि वे इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं कि इन्हें कौन दूर कर सकता है. वहीं 32.7 फीसदी लोगों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल समस्या दूर कर सकते हैं. इस संबंध में 17.3 फीसदी लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भरोसा जताया, वहीं महज 4.8 फीसदी लोगों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया. सर्वेक्षण का पहला चरण जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 13,706 लोगों से बातचीत की गई.

आप को बाहरी दिल्ली में लाभ, असमंजस वाले मतदाता महत्वपूर्ण

दिल्ली विधानसभा के चुनाव यदि आज हों तो आप आदमी पार्टी (आप) को बाहरी दिल्ली से अच्छा खासा लाभ होगा, जहां वह 26 सीटें जीत सकती है. यह जानकारी आईएएनएस-सीवोटर के सर्वेक्षण में सामने आई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुराड़ी, नांगलोई, पीरागढ़ी जैसी सीटों पर लाभ मिल सकता है, जहां पार्टी का प्रभाव अभी भी बरकरार है. लेकिन बाहरी दिल्ली में अभी भी 17.5 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक तय नहीं किया है कि वे किसे वोट दें. यदि भाजपा ने आगामी एक महीने में इन मतदाताओं को साध लिया तो भगवा दल की स्थिति बेहतर हो सकती है. भाजपा के हिस्से अभी 24.6 प्रतिशत वोट का अनुमान जाहिर किया गया है.

आप जीत की राह पर

चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान कर दिया है. ऐसे में आईएएनएस-सीवोटर के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण से जाहिर होता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार मजबूती के साथ दोबारा सत्ता में वापस आएगी. आईएएनएस-सीवोटर का चुनाव पूर्व सर्वेक्षण जनवरी के पहले हफ्ते में किया गया और सोमवार को जारी हुआ. इसके मुताबिक यदि चुनाव जनवरी के पहले हफ्ते में हो तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप 2015 में मिली जीत को दोहरा सकती है. सर्वेक्षण का सैंपल साइज 13,076 था.

विधानसभा चुनाव अगर आज होते हैं तो आप किसे वोट देंगे?

आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण के अनुसार, आप को 53.3 फीसदी वोट मिलते, जिससे वह करीब 59 सीटें जीतने के करीब होती. जबकि भाजपा को 25.9 फीसदी वोट के साथ आठ सीटें हासिल होतीं. कांग्रेस 4.9 फीसदी वोट के साथ चार सीटें जीत पाती अगर चुनाव जनवरी के पहले हफ्ते में होते. सर्वेक्षण में लोगों को पूछा गया था, 'विधानसभा चुनाव अगर आज होते हैं तो आप किसे वोट देंगे?' इस दौरान आप को 54 से लेकर 64 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया. भाजपा को तीन से 13 और कांग्रेस को शून्य से छह सीटें मिलने का अनुमान जताया गया.