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दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, योगानंद शास्त्री ने पीसी चाको को दिया इस्तीफा

सुभाष चोपड़ा ने कहा कि आदर्श शास्त्री अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं और आम आदमी पार्टी के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं.

Updated on: 18 Jan 2020, 04:38 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा दिल्ली प्रभारी पीसी चाको को दे दिया है. दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि योगानंद शास्त्री अपनी बेटी के लिए टिकट की मांग कर रहे थे. साथ ही अपने लिए भी टिकट मांग रहे थे. उन्होंने कहा कि परिवार में किसी एक को ही टिकट मिलेगा. इसके बाद शास्त्री ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

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वहीं दूसरी तरफ सुभाष चोपड़ा ने कहा कि आदर्श शास्त्री अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं और आम आदमी पार्टी के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं. वहीं कांग्रेस एक घंटे बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी. बताया जा रहा है कि जिन विधायकों को आम आदमी पार्टी से टिकट नहीं मिला, वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. शुक्रवार को बीजेपी ने भी 57 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी ने जारी लिस्ट में एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने 5 मुसलमानों को टिकट दिया है.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. खास बात है कि भाजपा ने इस बार 26 नेताओं के टिकट काटे हैं. इसमें भाजपा दिल्ली के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा का नाम प्रमुख तौर पर है. कुलवंत राणा 2003 में दिल्ली से चुनाव जीतने वाले सबसे नौजवान उम्मीदवार रह चुके हैं. वह 2008 और 2013 में भी रिठाला से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. भाजपा ने अभी नई दिल्ली, महरौली, संगम विहार सहित 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.

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भाजपा ने 2015 में चुनाव लड़कर हार जाने वाले कई नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है. मिसाल के तौर पर रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा की जगह मनीष चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा गया है. पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि कुछ मामलों में घिरने के कारण भाजपा ने इस बार कुलवंत को मैदान में नहीं उतारा है.