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दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा अकाली दल, सीएए पर बीजेपी का छोड़ा साथ

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मतभेदों के चलते दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसकी पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं.

Updated on: 20 Jan 2020, 07:44 PM

highlights

  • दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और अकाली दल के रास्ते अलग-अलग.
  • सीएए पर सुखबीर सिंह बादल के रुख में बदलाव करने की मांग नहीं मानी.
  • शिरोमणि अकाली दल एनआरसी के लागू करने के भी खिलाफ.

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मतभेदों के चलते दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसकी पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं. इसके परिणामस्वरूप शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. हालांकि पार्टी ने गठबंधन में शामिल रहने की बात करते हुए इसका फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है. गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल ने नागरिकता संशोधन कानून का स्वागत करते हुए इसके दायरे में मुसलमानों को भी शामिल करने की मांग की थी. 

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एनआरसी के भी खिलाफ है शिरोमणि अकाली दल
इस बात की जानकारी देते हुए मनजिंदर सिरसा ने कहा कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के पुराने औऱ गहरे संबंध हैं. हालांकि नागरिकता संशोधन कानून पर सुखबीर बादल के इसके दायरे में सभी धर्मों के लोगों को शामिल करने के रुख पर पूरी पार्टी एकमत है. ऐसे में बीजेपी चाहती थी कि हम सीएए पर अपना रुख बदले. ऐसे में हमने अपने रुख में बदलाव करने की अपेक्षा दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल एनआरसी के लागू करने के भी खिलाफ है, लेकिन हमने सीएए का स्वागत किया था. सिर्फ मुसलमानों को भी इसमें शामिल करने की बात कही थी.

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देश को धर्म के नाम पर नहीं बांटा जा सकता
उन्होंने कहा कि देश को धर्म और जात-पात के नाम पर बांटा नहीं जा सकता. हम इस चुनाव को लड़ना नापसंद करेंगे, बजाय अपने सिद्धांतों से समझौता करने के. महज धर्म के नाम पर बाहर निकालना अमानवीय होगा, इसलिए अकाली दल का फैसला है कि हम अपना रुख नहीं बदलेंगे. सीएए पर मतभेदों की वजह से दिल्ली में अकाली दल ने बीजेपी का साथ छोड़ा है. गठबंधन पर कोई फैसला नहीं हुआ है, वह हाईकमान तय करेगा. फिलहाल दिल्ली में अकाली दल चुनाव नहीं लड़ेगा. सीटों को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, विवाद केवल सीएए पर है.