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6 खिलाड़ी जिन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का मारकर जिताया मैच, एमएस धोनी नहीं कोई और है यह भारतीय खिलाड़ी

बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में अफगानिस्तान की टीम को आखिरी गेंद में 4 रन चाहिए थे जिसे अफगानी बल्लेबाज शमीमुल्लाह शेनवारी बना पाने में नाकामयाब रहे.

Updated on: 25 Sep 2018, 01:27 PM

नई दिल्ली:

क्रिकेट का खेल अनिश्चितताओं से भरा है और फैन्स के बीच रोमांच उस वक्त और भी बढ़ जाता है जब किसी मैच का रिजल्ट आखिरी ओवर की आखिरी गेंद तक पहुंच जाता है. हालांकि एशिया कप 2018 के मुकाबले में अब तक कोई भी मैच इस कदर रोमांचक नहीं हो पाया है कि फैन्स के दिलों की धड़कनें आखिरी गेंद तक थमीं रह गई हों.

उल्लेखनीय है कि सुपर 4 स्टेज में अफगानिस्तान के दोनों मैंच में आखिरी ओवर तक रोमांच मचा बना कर रखा. बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में अफगानिस्तान की टीम को आखिरी गेंद में 4 रन चाहिए थे जिसे अफगानी बल्लेबाज शमीमुल्लाह शेनवारी बना पाने में नाकामयाब रहे.

हालांकि क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे मैच भी रहे हैं जहां खिलाड़ी ने आखिरी गेंद पर चौका या छक्का लगाकर मैच को जीत लिया. आइए कुछ ऐसे खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जिन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर मैच में अपनी टीम को जीत दिलाई.

जावेद मिंयादाद, पाकिस्तान 1984

क्रिकेट में सबसे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के जावेद मियांदाद के नाम था. वनडे में 233 मैच खेलने वाले मियांदाद ने 18 अप्रैल 1986 में शारजाह में भारत के खिलाफ ही आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी.

एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 246 रन का लक्ष्य रखा था. पाकिस्तान मैच में अपने नौ विकेट गंवा चुका था और मियांदाद के रूप में उसकी आखिरी उम्मीदें विकेट पर टिकी हुई थी.

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पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी गेंद पर चार रन की जरुरत थी और गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी. चेतन ने यॉर्कर डालने का प्रयास किया, लेकिन गेंद लो फुलटॉस बन गई जिसे मियांदाद ने मिडविकेट के ऊपर से छक्के के लिए भेज दिया.

इस शॉट के बाद मियांदाद पाकिस्तान के लिए हीरो बन गए. उन्होंने मैच में नाबाद 116 रन बनाए थे.

लांस क्लुसनर, दक्षिण अफ्रीका 1999
उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी लांस क्लुसनर ने 26 मार्च 1999 में यह कारनामा किया था. नेपियर में खेले गए चौथे वनडे मैच में न्यूजीलैंड ने दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 285 रन का लक्ष्य रखा था.

मैच में दक्षिण अफ्रीका के दो विकेट शेष थे, लेकिन गेंद मात्र एक थी और उसे जीत के लिए चार रन चाहिए था. क्लुसनर ने कीवी कप्तान डियोन नाश की आखिरी गेंद पर छक्का उड़ाकर दक्षिण अफ्रीका को दो विकेट से जीत दिला दी.

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क्लुसन ने 19 गेंदों पर नाबाद 35 रन बनाए और उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला.

ब्रैंडन टेलर, जिम्बाब्वे 2006
जिम्बाब्वे के ब्रैंडन टेलर भी अपनी टीम के लिए यह कारनामा कर चुके हैं. मेजबान जिम्बाब्वे को 2006 में हरारे स्पोर्ट्स क्लब में बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर जीत के लिए पांच रन बनाने थे.

बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मशरफे मुर्तजा आखिरी ओवर डाल रहे थे. उन्होंने पहली पांच गेंदें सही जगह डाली जिससे मेहमान टीम जीत की बढ़ रही थी लेकिन टेलर ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पूरा मैच ही पलट दिया.

शिवनारायण चंद्रपॉल, वेस्टइंडीज 2008
वेस्टइंडीज के मध्यक्रम बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल भी अपनी टीम एक अविश्वसनीय जीत दिला चुके हैं. 10 अप्रैल 2008 को त्रिनिदाद में खेले गए इस मैच में श्रीलंका ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 236 रनों का लक्ष्य रखा था. मेजबान टीम को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन बनाने थे और उसकी आखिरी जोड़ी विकेट पर थी.
श्रीलंका के लिए सबसे अनुभवी गेंदबाज चमिंडा वास गेंदबाजी कर रहे थे.

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वेस्टइंडीज ने पहले पांच गेंदों पर सात रन बनाए और उसे आखिरी गेंद पर छक्के की दरकार थी. वास ने गेंद फुलटॉस फेंकी जिसे चंद्रपॉल ने छक्के के लिए भेजकर टीम को रोमांचक जीत दिला दी. उन्होंने 63 गेंदों पर नाबाद 62 रन बनाए थे.

रियान मैक्लेरेन, दक्षिण अफ्रीका 2013
दक्षिण अफ्रीका के रियान मैक्लेरेन भी 2013 में न्यूजीलैंड के गेंदबाज जेम्स फ्रेंकलिन पर छक्का लगाकर टीम को जीत दिला चुके हैं.

दिनेश कार्तिक, भारत 2018
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक इस सूची में हाल ही में शामिल हुए हैं. इस वर्ष मार्च में कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ निदहास टी-20 त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में बांग्लादेश ने भारत के सामने 167 रन का लक्ष्य रखा था. भारत को आखिरी छह गेंदों पर 12 रन चाहिए था और कार्तिक बल्लेबाजी कर रहे थे.

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भारतीय टीम को आखिरी गेंद पर पांच रन की दरकार थी और फिर कार्तिक ने गेंदबाज के ऊपर से फ्लैट छक्का लगाकर न सिर्फ टीम को मैच जिताया, बल्कि सीरीज भी भारत की झोली में डाल दी. कार्तिक मैच में आठ गेंदों पर 29 रन बनाए और उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला.