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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। आसियान-भारत एफटीए से दोनों क्षेत्रों के लिए विकास के रास्ते खुलेंगे और इससे निवेश के साथ आर्थिक कॉरपोरेशन में भी इजाफा होगा। यह बयान रविवार को एक्सपर्ट की ओर से दिया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के साइडलाइन में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए केएसआई स्ट्रैटजिक इंस्टीट्यूट फॉर एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष टैन माइकल योह ने कहा, मौजूदा समय में आसियान और भारत के बीच मुफ्त व्यापार समझौते को लेकर रिव्यू प्रोसेस जारी है और उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक, जब 26-28 अक्टूबर को आसियान-भारत समिट होगा, यह पूरा हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, इससे दोनों क्षेत्रों में निवेश और आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। भारत की वेल्थ नॉलेज और सॉफ्टवेयर क्षमता का लाभ आसियान देश उठा सकते हैं। वहीं, आसियान, जो कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है, का फायदा भारत उठा सकता है।
भारत की आर्थिक विकास दर की सराहना करते हुए कहा कि देश विकास की एक यूनिक कहानी है और दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ। हालांकि, विकास की गति पहले जैसी नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत सरकार की ओर से जीडीपी वृद्धि दर के लिए निर्धारित किया गया 8 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
टैरिफ पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ काफी चुनौतीपूर्ण है। आसियान देशों पर अलग-अलग टैरिफ लगाए गए हैं। हमें यूएस से अलग अन्य बाजार पर फोकस करना चाहिए, जिससे नए अवसर पैदा हों।
इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत और यूरोपियन यूनियन (ईयू) अगले तीन महीनों में ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं, जिसमें कृषि, स्थिरता और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है।
यह दिखाता है कि अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत सरकार तेजी से नए बाजार पर फोकस कर रही है।
--आईएएनएस
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