अर्ध हलासन से दूर होंगी पेट, पीठ और पैर की परेशानियां

अर्ध हलासन से दूर होंगी पेट, पीठ और पैर की परेशानियां

अर्ध हलासन से दूर होंगी पेट, पीठ और पैर की परेशानियां

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IANS
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अर्ध हलासन से दूर होंगी पेट, पीठ और पैर की परेशानियां, तनाव की भी छुट्टी

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। योग भारतीय संस्कृति का अनमोल उपहार है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अर्ध हलासन एक ऐसा सरल योगासन है, जो पेट, पीठ और पैरों की समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ तनाव को कम करने में भी प्रभावी है।

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यह आसन कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, और मन को भी शांति देता है।

अर्ध हलासन एक योग मुद्रा है, जो हलासन का सरल रूप है। इसमें शरीर को पूरी तरह उल्टा नहीं करना पड़ता, जिससे यह शुरुआती लोगों के लिए भी आसान है। इस आसन में पीठ के बल लेटकर पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाया जाता है, जिससे पेट और निचले शरीर पर हल्का दबाव पड़ता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, इसका नियमित अभ्यास कब्ज, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याओं को दूर करता है। यह रीढ़ को लचीला बनाता है, पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।

यह आसन पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे कब्ज और अपच की समस्या से राहत मिलती है। यह रीढ़ को लचीला बनाता है और पीठ दर्द को कम करता है। यह आसन मन को भी शांत करने में सहायक है, जिससे तनाव व चिंता कम होती है। यह पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

आयुष मंत्रालय अर्ध हलासन करने का सही तरीका भी बताता है। अभ्यास के लिए योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को मिलाकर सीधा रखें और हथेलियों को शरीर के पास रखें। सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं। इस दौरान बिना घुटनों को मोड़े पैरों को सीधा रखें और 10-15 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को नीचे लाएं। इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।

अर्ध हलासन के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट कुछ सावधानी बरतने की भी सलाह देते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं, हर्निया या गंभीर रीढ़ की समस्या से ग्रसित लोगों को भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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