अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर अलापा 'अरुणाचल' का राग; ताइवान पर भी कर रहा दावा; जानें पूरा मामला

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर अलापा 'अरुणाचल' का राग; ताइवान पर भी कर रहा दावा; जानें पूरा मामला

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर अलापा 'अरुणाचल' का राग; ताइवान पर भी कर रहा दावा; जानें पूरा मामला

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IANS
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Kazan: Heads of BRICS delegations attend an informal lunch during the 16th BRICS Summit

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन फिर से पुराना राग अलाप रहा है। चीन ने मनमाने तरीके से भारतीय नागरिक को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद जमकर बवाल मचा। हालांकि, भारत ने चीन को कड़े शब्दों में जवाब दिया है। खैर, ये चीन की पुरानी आदत रही है, दूसरों की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश करना और ऐसा करने में सफल ना हो पाए तो भी उसे अपना बताना। चीन ऐसा ही कुछ ताइवान के साथ भी करने की कोशिश करता रहा है।

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बता दें, अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में भी अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य है ना कि चीन का। अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वोत्तर में स्थित है। इसकी सीमाएं भूटान, चीन और म्यांमार से सटी हैं।

चीन की हालत ये है कि उसने अपने मानचित्र पर अरुणाचल प्रदेश को ही नहीं बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर को भी अपना हिस्सा बता दिया। वहीं बीजिंग में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के दूसरे समिट में चीन ने जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया था।

कुछ समय पहले चीन ने ऐसे लगभग तीस हजार नक्शों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा दिखाया गया था। 2018 के लगभग में चीनी चैनल सीजीटीएन ने पीओके को पाकिस्तान से अलग दिखाया था।

चीन ताइवान के साथ भी यही करने की कोशिश में लगा हुआ है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और धमकियां देता रहता है कि वह बलपूर्वक भी ताइवान को हासिल करके रहेगा। वहीं ताइवान की सरकार का कहना है कि वह एक स्वतंत्र राष्ट्र है और उसे क्या करना है, यह वहां की जनता तय करेगी।

चीन की ओर से बढ़ते दबाव के बीच ताइवान ने अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा बजट में वृद्धि की है। यही कारण है कि ताइवान अमेरिका से हथियार भी खरीद रहा है। ताजा अपडेट में ताइवान ने चीन के साथ जारी तनाव के बीच 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा का रक्षा बजट पेश किया है। वहीं दूसरी ओर जापान ने भी ताइवान के नजदीक योनागुनी द्वीप पर नई मिसाइलें तैनात कर दी हैं।

चीन और भारत के बीच मैकमोहन रेखा को ही दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जाता है, लेकिन चीन इसे मानने से इनकार करता है। चीन दावा करता है कि तिब्बत का बड़ा हिस्सा भारत के पास है। वहीं, चीन ने पश्चिम अक्साई चिन के बड़े हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

--आईएएनएस

केके/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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