अमृतसर/फिरोजपुर, 21 जून (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों ने पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर योगाभ्यास किया। अटारी-वाघा बॉर्डर और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जहां संदेश दिया गया कि योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवनशैली है।
अटारी-वाघा बॉर्डर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले रहे। उनके नेतृत्व में सैकड़ों बीएसएफ जवानों, सीमावर्ती गांवों के नागरिकों, स्कूली बच्चों, खेल जगत की हस्तियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने योगाभ्यास किया। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और जवानों को मानसिक शांति, शारीरिक मजबूती और आत्मिक संतुलन से जोड़ना है।
मीडिया से बातचीत करते हुए आईजी अतुल फुलजले ने कहा, योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं है, ये एक जीवनशैली है। इस तरह के आयोजनों से सीमा पर तैनात हमारे जवानों और आम जन में आत्मबल और अनुशासन की भावना को और भी बल मिलता है। उन्होंने योग के प्रति बीएसएफ की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ सैनिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है।
बीएसएफ के शीर्ष अधिकारियों और प्रशिक्षित योग गुरुओं ने जवानों और आम नागरिकों को योग के विभिन्न आसनों और उनके लाभों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों समेत सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने योग सत्र में बढ़-चढ़कर भाग लिया। योग के टीचर्स ने कहा कि नियमित योगाभ्यास से शरीर को न सिर्फ फिट रखा जा सकता है, बल्कि ये कई गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है।
पाकिस्तान से लगने वाले हुसैनीवाला बॉर्डर पर भी योग की शक्ति देखी गई। बीएसएफ और आर्मी के जवानों ने फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर पर योगाभ्यास करके ये खास दिवस मनाया। यहां बीएसएफ के डीआईजी विजय सिंह राणा और 155 बटालियन के सीओ सरवन नाथ की अगुवाई में जवानों और सिविल प्रशासन के अधिकारियों ने योगाभ्यास किया।
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