नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य भवन के उद्घाटन समारोह में ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों को समाप्त करने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि हमने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को खत्म किया है, जो आधुनिक भारत के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार और लीकेज ही एकमात्र समस्या नहीं थी, बल्कि अनावश्यक नियम और कानून भी नागरिकों को परेशान करते थे। इनसे सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो जाती थी। इसलिए हमने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को खत्म किया, जिनमें से कुछ ब्रिटिश शासन के समय के थे और दशकों बाद भी बाधाएं पैदा कर रहे थे।
पीएम मोदी ने आगे कहा, देश में अनुपालन का बोझ भी बहुत अधिक था। किसी भी काम को शुरू करने के लिए लोगों को दर्जनों दस्तावेज जमा करने पड़ते थे। पिछले 11 वर्षों में हमने 40,000 से अधिक अनुपालनों को हटाया है। ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है बल्कि अभी भी जारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम सरकार की कार्यसंस्कृति को भी उन्नत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मिशन कर्मयोगी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आज हमारे सरकारी कर्मचारी तकनीकी रूप से सशक्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमें फाइलों के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। एक फाइल, एक शिकायत या एक आवेदन सामान्य काम लग सकता है, लेकिन किसी के लिए कागज का वह एक टुकड़ा उसकी उम्मीद का प्रतीक हो सकता है। एक फाइल कई लोगों के जीवन से जुड़ी हो सकती है। पिछले 11 वर्षों में भारत ने एक ऐसा शासन मॉडल विकसित किया है, जो पारदर्शी, उत्तरदायी और अपने नागरिकों पर केंद्रित है। मैं जहां भी जाता हूं, जन-धन, आधार, मोबाइल त्रिमूर्ति लगातार ध्यान और प्रशंसा आकर्षित करती है। सरकारी सेवाओं के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लीकेज को दूर करने में इसकी प्रभावशीलता के लिए इसे दुनिया भर में व्यापक रूप से सराहा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, कितने ही देश, जो हमारे साथ-साथ आजाद हुए थे, वो तेजी से आगे बढ़ गए। लेकिन भारत वैसी तेजी से प्रगति नहीं कर पाया, इसके अपने कारण रहे होंगे। लेकिन, अब हमारा दायित्व है कि हम समस्याएं आने वाली पीढ़ियों के लिए न छोड़ें।
--आईएएनएस
एफएम/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.