अमृतसर में चिह्न पूर्णिमा मेले की शुरुआत, तरुण चुघ ने दी बधाई, नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

अमृतसर में चिह्न पूर्णिमा मेले की शुरुआत, तरुण चुघ ने दी बधाई, नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

अमृतसर में चिह्न पूर्णिमा मेले की शुरुआत, तरुण चुघ ने दी बधाई, नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

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IANS
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BJP leader Tarun Chugh

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

अमृतसर, 25 जुलाई (आईएएनएस) भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने शुक्रवार को अमृतसर में चिह्न पूर्णिमा मेले की शुरुआत पर सभी को बधाई दी। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार से इस समस्या को जड़ से खत्म करने की मांग की।

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उन्होंने बताया कि आज से चिह्न पूर्णिमा मेले की शुरुआत हो रही है। अगले आठ दिनों तक शहर के विभिन्न मोहल्लों में प्रभात फेरियां और शोभा यात्राएं निकलेंगी। आठ दिन बाद चिह्न पूर्णिमा का मुख्य मेला होगा, जिसमें श्रद्धालु अमृतसर के चिह्न पूर्णिमा मंदिर में धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा कि यह पर्व श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है और इसके बाद नवरात्रि और अन्य धार्मिक आयोजन भी होंगे। चुघ ने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि यह उत्सव समाज में एकता और सकारात्मकता लाएगा।

उन्होंने पंजाब में बढ़ते नशे की समस्या पर चिंता जताई और कहा कि नशा समाज और युवाओं को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान से आने वाला नशा और वैचारिक नशा दोनों पंजाब को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

तरुण चुघ ने पंजाब की भगवंत मान सरकार से मांग की कि वह केवल बयानबाजी और पोस्टरबाजी न करे, बल्कि नशे के खिलाफ ठोस युद्ध लड़े। उन्होंने कहा कि सरकार अब तक एक भी बड़े नशा तस्करी के सरगना को पकड़ने में नाकाम रही है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से नशा मुक्त पंजाब और नशा मुक्त भारत के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।

भाजपा नेता ने पंजाब सरकार से नशे के खिलाफ सख्त और पारदर्शी कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस लड़ाई में समाज को साथ लेकर चलना होगा।

बता दें कि चिह्न पूर्णिमा पंजाब, खासकर अमृतसर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह सिख समुदाय के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु माता चिह्न पूर्णिमा के मंदिर में दर्शन करने और प्रार्थना करने जाते हैं। मेले का आयोजन होता है, जिसमें प्रभात फेरियां, शोभा यात्राएं और धार्मिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। यह उत्सव भक्ति, एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। आठ दिनों तक चलने वाला यह मेला श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है और सामुदायिक उत्साह को बढ़ावा देता है।

--आईएएनएस

एसएचके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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