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अफगानिस्तान में 31 अगस्त के बाद बनेगी तालिबान की सरकार!

हक्कानी का यह बयान इस बात की चिंता बढ़ा देता है कि 31 अगस्त के बाद धार्मिक आंदोलन की क्या योजना हो सकती है और क्या वे अगली सरकार में गैर-तालिबान अधिकारियों को शामिल करने का अपना वादा निभाएंगे?

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Aug 2021, 11:51:41 PM (IST)

highlights

  • फिलहाल तालिबान की ऐसी कोई योजना नहीं है जब तक 31 अगस्त की तारीख ना बीत जायें
  • 31 अगस्त तक अमेरिका अपनी पूरी सेना को वापस बुला लेगा
  • विद्रोही आंदोलन ने अमेरिका के साथ एक समझौते के तहत अमेरिकी सैनिकों की वापसी की तारीख तक वे कुछ भी नहीं करेंगे

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में अभी सरकार बनाने को लेकर कोई  घोषणा नहीं की गई है, और फिलहाल तालिबान की ऐसी कोई योजना नहीं है जब तक 31 अगस्त की तारीख ना बीत जायें. दरअसल, तालिबान से शांति वार्ता से परिचित एक अफगान अधिकारी ने यह जानकारी दी कि 31 अगस्त तक अमेरिका अपनी पूरी सेना को वापस बुला लेगा. एक अफगान अधिकारी ने एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा कि तालिबान के प्रमुख वार्ताकार अनस हक्कानी ने अपने पूर्व सरकारी वार्ताकारों से कहा है कि विद्रोही आंदोलन ने अमेरिका के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अंतिम वापसी की तारीख तक वे कुछ भी नहीं करेंगे. 

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हक्कानी का यह बयान इस बात की चिंता बढ़ा देता है कि 31 अगस्त के बाद धार्मिक आंदोलन की क्या योजना हो सकती है और क्या वे अगली सरकार में गैर-तालिबान अधिकारियों को शामिल करने का अपना वादा निभाएंगे? अब तक तालिबान ने अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों को बदलने की अपनी योजनाओं के बारे में कुछ नहीं कहा है. इस वक्त काबुल में कुल 5,200 से अधिक अमेरिकी सैनिक हैं, काबुल हवाई अड्डे को सुरक्षित और उड़ान संचालन के लिए खुला बताते हुए अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम हैंक ने गुरुवार को कहा था कि '14 अगस्त को निकासी अभियान शुरू होने के बाद से, हमने लगभग 7,000 लोगों को निकाला है'.

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बता दे कि, तालिबान के हमले की शुरुआत के बाद से, संयुक्त राज्य अमेरिका के सैनिकों ने अपनी पहले से चल रही वापसी के बावजूद, देश में निकासी में सहायता के लिए वृद्धि की है. अमेरिका और अन्य विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच जिस गति से इस्लामिक उग्रवादी तालिबान ने अफगानिस्तान पर विजय हासिल की, उसने पूरी दुनिया के साथ अफगान नेताओं को भी आश्चर्य में डाल दिया और देश के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े हो गए थे.