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तालिबान सत्ता में बने रहने को बेताब, दिखा रहा है बदला रूप

तालिबान के लड़ाके जब काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसे तो उनकी ओर से यह कहा गया कि वो  राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने नहीं बल्कि सत्ता हस्तांतरण के लिए आए हैं. तालिबान का कहना है कि वो काबुल को रौंदने नहीं शासन करने आए हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 Aug 2021, 08:30:19 PM (IST)

highlights

  • टोलो न्यूज के दफ्तर में बैठकर तालिबानी नेता ने महिला एंकर के सवालों का दिया जवाब
  • सत्ता में बने रहने को बेताब, अपने रूप को  उदारवादी दिखा रहा है तालिबान
  • महिलाओं, आधुनिक शिक्षा और पहनावे पर पाबंदी नहीं लगाने की बात कर रहा है तालिबान

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान ने पूरी तरह कब्जा जमा लेने के बाद  दुनिया भर में यह चर्चा का विषय है कि तालिबान का अगला कदम क्या होगा? क्या तालिबान का रवैया पहले जैसा होगा कि अब उसके व्यवहार में कुछ तब्दीली आयेगी. हालांकि विशेषज्ञों का कहना कि तालिबान इस बार अपने को पूरी तरह  बदले हुए रूप में पेश करेगा. इस बार वह सत्ता में लंबे समय तक रहने के लिए आया है. अब तक जो तस्वीर सामने उभर कर आई है उसमें तालिबान के रुख में बदलाव के कुछ संकेत भी  मिल रहे हैं। हाल में मीडिया से बातचीत में भी तालिबान का चेहरा बदला-बदला लग रहा है. अब देखना यह है कि तालिबान का यही स्टैंड बरकरार रहता है या सत्ता पर पूर्णरुपेण काबिज होने के बाद फिर अपने मूल कट्टरपंथ पर चलने लगेगा.

तालिबान के लड़ाके जब काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसे तो उनकी ओर से यह कहा गया कि वो  राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने नहीं बल्कि सत्ता हस्तांतरण के लिए आए हैं. तालिबान का कहना है कि वो काबुल को रौंदने नहीं शासन करने आए हैं. साथ ही तालिबान ने ऐलान किया कि उसके राज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. महिलाएं घर से निकल सकेंगी और उन्हें काम करने की भी इजाजत होगी.

दुनिया की नजर में इस बार तालिबान अपनी एक अलग इमेज बनाने में भी जुटा है. वो सभी देशों से बात करने में उत्सुक दिख रहा है यहां तक कि भारत से भी वह अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने की बात कर रहा है.

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तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक पाकिस्तानी चैनल से बात करते हुए कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरों के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा. सुहैल शाहीन ने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान में अपनी अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर सकता है. न्यूज चैनल की ओर से पूछे गए सवाल कि भारत ने अफगानिस्तान में भारी भरकम निवेश किया है और उसने तालिबान को अब तक मान्यता नहीं दी है इसके जवाब में सुहैल शाहीन ने यह जवाब दिया.

तालिबान अपने पहले दौर में आधुनिक शिक्षा, पहनावा और महिलाओं की आजादी का विरोधी रहा. महिलाओं के घरों से निकलने और उनके आधुनिक पहनावे के सख्त विरोधी तालिबानियों ने अपने पहले दौर में विदेशी पत्रकारों और न्यूज एंकर्स को भी नहीं बक्शा था.

इस बार अफगानिस्तान में बेहद लोकप्रिय टोलो न्यूज  पर तालिबानी अपने को बदले रूप में पेश करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबानी इस बार सत्ता में बने रहने के लिए बहुत बेताब हैं.  लेकिन ये लोग बदल नहीं सकते हैं.

अभी कुछ दिन पूर्व अफगानिस्तान में टोलो न्यूज के दफ्तर में बैठकर तालिबानी नेता ने महिला एंकर के सवालों का जवाब दिया. तालिबान को इससे कोई आपत्ति नहीं दिख रही है कि कोई महिला घर से निकले और काम करे.