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श्रीलंका राजनीतिक संकट: सिरिसेना को एक और झटका, संसद ने महिंद्रा राजपक्षे के खिलाफ किया वोट

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को बड़ा झटका लगने के बाद संसद ने भी एक और धक्का दिया है. श्रीलंका के संसद ने बुधवार को नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के खिलाफ वोट दिया.

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Nov 2018, 11:44:32 AM (IST)

कोलंबो:

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को बड़ा झटका लगने के बाद संसद ने भी एक और धक्का दिया है. श्रीलंका के संसद ने बुधवार को नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ वोट दिया. संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने सदन में बताया कि संसद ने प्रधानमंत्री राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास मत को मंजूरी दी. संसद के इस मत के बाद बर्खास्त किए गए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को मजबूती मिली है.

इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा संसद भंग करने के उनके विवादित फैसले को पलट दिया था और 5 जनवरी को प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारियों पर विराम लगाने का आदेश दिया था.

प्रधान न्यायाधीश नलिन पेरेरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली एक पीठ ने संसद भंग करने के सिरिसेना के 9 नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर तकरीबन 13 और पक्ष में दायर 5 याचिकाओं पर दो दिन की अदालती कार्यवाही के बाद यह व्यवस्था दी. कार्यकाल पूरा होने के तकरीबन दो साल पहले ही संसद भंग कर दी गई थी.

सिरिसेना के सामने जब स्पष्ट हो गया कि रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर प्रधानमंत्री बनाए गए महिंदा राजपक्षे के पक्ष में संसद में बहुमत नहीं है तो उन्होंने संसद भंग कर दी और 5 जनवरी को मध्यावधि चुनाव करने के आदेश जारी किए थे.

प्रमुख राजनीतिक पार्टियां सिरिसेना के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. याचिकाकर्ताओं में स्वतंत्र चुनाव आयोग के एक सदस्य रत्नाजीवन हुले भी शामिल थे.

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सिरिसेना ने 26 अक्टूबर को रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त करते हुए उनकी जगह राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था. राजपक्षे को 225 सदस्यों वाले सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 113 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी.