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अफगानिस्तान में अब पाकिस्तान का विरोध, देखें Video

अफगानिस्तान में अब पाकिस्तान का विरोध, देखें Videoअफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बार फिर 'तालिबानी राज' शुरू हो गया है. अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान दूतावास (Pakistan embassy) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पाकिस्तान (Pakistan) विरोधी प्रदर्शनों में अफगानिस्तान के लोगों ने गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगाए.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Sep 2021, 04:59:50 PM (IST)

highlights

  • अफगानिस्तान में एक बार फिर 'तालिबानी राज'
  • तालिबान का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया
  • प्रदर्शनकारियों पर तालिबानियों ने की गोलीबारी

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बार फिर 'तालिबानी राज' शुरू हो गया है. अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान दूतावास (Pakistan embassy) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पाकिस्तान (Pakistan) विरोधी प्रदर्शनों में अफगानिस्तान के लोगों ने गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगाए. ऐसा ही एक प्रदर्शन काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर भी चल रहा है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. तालिबान ने यहां लोगों को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग कर दी. हालांकि, इस फायरिंग में अभी तक किसी के मरने या घायल होने की कोई खबर नहीं आई है. 

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आपको बता दें कि भले ही तालिबान कह रहा है कि इस बार उसने अपने चरित्र में बदलाव किए हैं, लेकिन आए दिन अफगानिस्तान से जो घटनाएं की खबर सामने आ रही हैं, उससे नहीं लगता है कि तालिबान ने अपनी क्रूरता को छोड़ दिया है. इस बीच तालिबान का क्रूर चेहरा फिर सामने आया है. काबुल में पाकिस्तान के विरोध में निकाली गई रैली पर तालिबानियों ने फायरिंग की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, काबुल में राष्ट्रपति पैलेस के पास फायरिंग की गई. 

तालिबान के लड़ाकों ने प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए फायरिंग की. जानकारी की मानें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआईएस के प्रमुख फैज हामिद  पिछले हफ्ते यहीं एक होटल में रुके हुए थे. हालांकि ये साफ नहीं हुआ है कि वो किस मकसद से अफगानिस्तान आए थे. लेकिन पाकिस्तान में एक वरिष्ठ अधिकारी ने सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि शक्तिशाली इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी के प्रमुख हमीद तालिबान को अफगान सेना को फिर से संगठित करने में मदद कर सकते हैं.

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सैकड़ों अफगानी उतरे सड़क पर 

तालिबान शासन के खिलाफ और अहमद मसूद के नेतृत्व वाले प्रतिरोध आंदोलन के समर्थन में सैकड़ों अफगान राजधानी काबुल और मजार-ए-शरीफ शहर में सड़कों पर उतर आए. तालिबान को मौत, लंबे समय तक जीवित रहे अफगानिस्तान(डेथ टू पाकिस्तान, लॉन्ग लीव अफगानिस्तान) के नारे लगाते हुए दिखाई दिए.प्रदर्शनकारियों द्वारा किए जा रहे नारों में पाकिस्तान को मौत भी शामिल था. भीड़ को हटाने के लिए तालिबान ने उनपर फायरिंग की.