पाकिस्तान बन सकता है विश्व का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियार रखने वाला देश, दक्षिण एशिया के लिए खतरा
सैन्य और विश्व मामलों के एक जानकार ने लिखा है कि पाकिस्तान का युद्धक हथियारों का तैनात करना खतरनाक रणनीति है जो दक्षिण एशिया के स्थिरता पर प्रभाव डाल सकती है।
नई दिल्ली:
पाकिस्तान जल्द ही विश्व का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का भंडार करने वाला देश बन सकता है। सैन्य और विश्व मामलों के एक जानकार ने लिखा है कि पाकिस्तान का युद्धक हथियारों का तैनात करना खतरनाक रणनीति है जो दक्षिण एशिया की स्थिरता पर प्रभाव डाल सकती है।
मिलिट्री हिस्ट्री एंड वर्ल्ड अफेयर्स के लेखक जोसेफ वी मिकालेफ ने मिलिट्री डॉट कॉम के लिए एक लेख में इस बात को लेकर आगाह किया है और कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ने से एशिया के लिए खतरनाक हो सकता है।
जोसेफ ने लिखा है कि अगर इस्लामाबाद लगातार इस तरह से आगे बढ़ता है तो परमाणु हथियारों और उपकरणों का जिहादी संगठनों के हाथों में और विश्व के दूसरे हिस्से में जाने का खतरा है।
अपने लेख में उन्होंने लिखा, पाकिस्तान का आतंकी जिहादी संगठनों अफगान तालिबान, तहरीक-ए-जिहाद इस्लामी, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा या हिजबुल मुजाहिदीन के साथ पहले के संबंधो ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में संघर्ष का अतिरिक्त तत्व रहा है।
उन्होंने लिखा, 'पाकिस्तान और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों के कारण भारत के साथ संबंध बिगड़ा रहा।'
उन्होंने लिखा है कि अफगानिस्तान में तालिबान को हराने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों के द्वारा सैन्य कार्रवाई और उसमें भारत और पाकिस्तान की भूमिका से दोनों देशों के बीच पेचीदगी का एक और स्तर बन गया।
जोसेफ ने सुझाव दिया है कि उन्हें सबसे बड़ी चिंता है कि पाकिस्तान पिछले 48 सालों से लगातार परमाणु हथियारों को बनाने में लगा हुआ है जो हथियार पाकिस्तान और विदेशों में गलत तत्वों द्वारा उपयोग किया जा सकता है।
1971 और 2016 के बीच इस्लामाबाद ने लगातार परमाणु हथियारों का विकास किया है जिसमें प्लूटोनियम और यूरेनियम जनित हथियार जो काफी खतरनाक हथियारों में शामिल है।
जोसेफ ने खुफिया सूत्रों से पाया कि पाकिस्तान के नियंत्रण में 140-150 परमाणु हथियार हैं साथ ही 3,000 से 4,000 किलोग्राम तक के यूरेनियम जनित हथियारों (एचईयू) का जखीरा भरा हुआ है।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि पाकिस्तान को काफी संख्या में मिसाइलों का प्रबंधन करने में चीन काफी मदद कर रहा है।
और पढ़ें: सुषमा स्वराज ने एससीओ बैठक में पाकिस्तान पर निशाना साधा, आतंकवाद को बताया सबसे बड़ा खतरा