लीक रिपोर्ट मामले में पाकिस्तानी सेना ने नवाज़ शरीफ़ के निर्देश को खारिज करने वाला ट्वीट लिया वापस
इसे देश के नागरिक व सैन्य नेतृत्व के बीच संबंध सामान्य होने का संकेत माना जा रहा है।
नई दिल्ली:
पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को डॉन लीक मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय की जांच रिपोर्ट को खारिज करने वाले एक ट्वीट को वापस ले लिया।
इसे देश के नागरिक व सैन्य नेतृत्व के बीच संबंध सामान्य होने का संकेत माना जा रहा है। सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर की प्रेस विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया, '29 अप्रैल 2017 को किया गया ट्वीट किसी भी सरकारी कार्यालय या व्यक्ति के लिए नहीं था।'
आईएसपीआर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विधिवत रूप से मंजूर की गईं जांच समिति रिपोर्ट की सिफारिशों का क्रियान्वय किया गया है, जिसने डॉन लीक मुद्दे को सुलझा दिया है।
आईएसपीआर ने कहा कि 'तदनुसार' ट्विटर पोस्ट वापस ले लिया गया है और अब यह बेमतलब हो गया है।
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा, मनगढ़ंत थी पाक सरकार और सेना के बीच मतभेद की खबर
इसमें कहा गया, 'पाकिस्तानी सेना अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता और इस्लामिक गणराज्य के संविधान को बनाए रखने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का निरंतर समर्थन करने का संकल्प दोहराती है।'
डॉन लीक मामले में विशेष सलाहकार तारिक फात्मी की बर्खास्तगी के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय की अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएसपीआर के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने 29 अप्रैल को ट्वीट किया था कि सेना ने अधिसूचना को खारिज कर दिया है। उन्होंने इस अधिसूचना को अधूरा बताया।
ये भी पढ़ें- पाक सेना और सरकार के बीच टकराव की ख़बर देने वाले पाकिस्तानी संवाददाता के देश छोड़ने पर लगी रोक
बीते साल अक्टूबर में सूत्रों के हवाले से डॉन ने रिपोर्ट छापी थी कि एक उच्चस्तरीय बैठक में नागरिक नेताओं ने कुछ आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में कमी की वजह से पाकिस्तान के 'बढ़ते राजनयिक अलगाव' की बारे में बात कही थी।
इस खबर से तूफान खड़ा हो गया था। इसे संघीय सरकार ने मनगढंत और झूठा बताया और सेना के अधिकारियों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में विश्वास का उल्लंघन कहा था।