.

इजरायल-फिलीस्‍तीन के बीच सीजफायर कराने अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन पर बढ़ा दबाव

बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ही उन पर सीजफायर को लेकर दबाव बढ़ाने में लग गए हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 May 2021, 11:06:28 AM (IST)

highlights

  • गाजा में मीडिया हाउस की इमारत जमींदोज के बाद बढ़ा दबाव
  • जो बाइडन इसके चलते तीन बार कर चुके नेतान्याहू से वार्ता
  • अब तक 200 लोग मारे जा चुके हैं, 1200 से अधिक घायल

वॉशिंगटन:

इजरायल और फिलीस्‍तीन के बीच छिड़ी जंग को रुकवाने के लिए इस वक्‍त अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन पर जबरदस्‍त दबाव है. इसकी सबसे बड़ी वजह गाजा स्थित मीडिया हाउस पर हुआ हमला है. इस हमले में एसोसिएटेड प्रेस समेत अलजजीरा का ऑफिस तबाह हो गया था. इस इमारत में कुछ दूसरे मीडिया हाउस भी काम कर रहे थे. इजरायली राष्‍ट्रपति बेंजामेन नेतन्‍याहू ने टीवी पर जारी एक संदेश में कहा था कि इस इमारत में जो मीडिया हाउस था उसका इस्‍तेमाल हमास के लोग अपने खुफिया ऑफिस के तौर पर कर रहे थे. उनके मुताबिक हमले में इस इमारत को सटीक तौर पर निशाना बनाया गया था. इस हमले के बाद बाइडन प्रशासन ने भी इजरायल से इसको लेकर जवाब तलब किया है. 

गौरतलब है कि दोनों और से हो रहे हमलों में अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. रविवार को इस संबंध में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के बाद बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ही उन पर सीजफायर को लेकर दबाव बढ़ाने में लग गए हैं. बाइडन प्रशासन का कहना है कि वो इस संबंध में इजरायली प्रधानमंत्री से संपर्क में है. पिछले दिनों अरब जगत समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने भी हमलों को तुरंत रोकने की अपील की थी. यूएन प्रमुख ने कहा था कि यदि ये नहीं रुका तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. सीजफायर के सवाल पर व्‍हाइट हाउस के प्रवक्‍ता ने कहा कि उनके विचार के मुताबिक पर्दे के पीछे कुछ वार्ता चल रही है.

आपको बता दें कि दोनों तरफ से हमलों की शुरुआत के बाद से अब तक राष्‍ट्रपति बाइडन करीब तीन बार प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू से बात कर चुके हैं. व्‍हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि बाइडन ने फिलीस्‍तीनी हमले से बचाव के तौर पर इजरायली कार्रवाई का समर्थन किया है. बाइडन का कहना है कि इजरायल को अपने नागरिकों की सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है. हाल ही में हुई वार्ता में भी दोनों नेताओं के बीच हमास समेत दूसरे आतंकी गुटों पर हुई कार्रवाई को लेकर विचार विमर्श हुआ था.