प्लास्टिक बैन करने वाला पहला मुल्क बना फ्रांस
प्लास्टिक बर्तनों को बैन करने वाला पहला मुल्क बना फ्रांस। फ्रांस ने अपने इस कदम से यूरोपीय मुल्कों में मचाई हलचल
नई दिल्ली:
फ्रांस दुनिया का पहला ऐसा मुल्क बन गया है जिसने प्लास्टिक से बनी चीजों को बैन कर दिया है। फ्रांस ने प्लास्टिक से बने बर्तनों जैसे प्लेट्सस, कप वगैरह को बैन कर दिया है। हलांकि ये कानून पूरी तरह 2020 में ही लागू हो पाएगा जब सरकार प्लास्टिक के विकल्प मुहैय्या कराएगी जो कि पचास फीसदी जैविक रूप से बने मटेरियल से तैयार होगा।
ये नया कानून ऊर्जा संक्रमण के लिए बने ग्रीन ग्रोथ अधिनियम के तहत बनाया गया है। ये वही कानून है जिसमें कि जुलाई में किराने की दुकानों और बाजारों में प्लास्टिक की थैलियों को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था। हालांकि प्लास्टिक की थैलियों को अन्य देशों ने भी बैन किया गया है जिनमें अमेरिकी राज्य शामिल हैं लेकिन कोई भी मुल्क फ्रांस की तरह इतने बड़े पैमाने पर इसे बैन करने की दिशा में आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है।
पश्चिम के मुल्क जो पर्यावरण को नुकसान पहूँचाने में सबसे अव्वल रहे हैं उनमें ये खबर हलचल पैदा करने वाली है। फ्रांस जैसे एक पश्चिमी मुल्क का इतना बड़ा कदम सराहनीय है। और उम्मीद है कि बाकी के मुल्क भी इससे सबक लेकर प्लास्टिक बैन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।वहीं यूरोपीय युनियन ने इस बैन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इस कानून के लागू होने से खुले बाजार में सामान बेचने के कानून का उल्लंघन होता है।
प्लास्टिक के खतरे से दुनिया वाकिफ है। दरअसल प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होता है। दरअसल प्लास्टिक टूकड़ों में टूट नहीं सकते और ये वैसे का वैसा रह जाता है जिसकी वजह से जानवरों को बहुत तकलीफ होता है। दरअसल वो जब कुछ भी खाते हैं तो ये प्लास्टिक उनके खाने में चला जाता है और वो उनके पेट में जाकर हजम नहीं हो पाता है। इसके अलावा समुद्री जीवों के लिए भी प्लास्टिक एक बड़ा खतरा है।
भारत भी प्लास्टिक बैन के लिए काफी समय से सोच रहा है। हालांकि हिंदुस्तान में अभी कहीं कहीं और बहुत छोटे स्तर पर ये बैन है। इस नियम के तहत पतले प्लास्टिक बैग मैनुफैक्चरर को राज्य की सरकार को पैसे देने होते हैं ताकि इसके जरिए पंचायतों में इन प्लास्टिक बैग को ढंग से ठिकाने लगाया जा सके।