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नॉर्वे में 5 साल में तीसरी घटना,भारतीय मूल के दंपति को बेटे से किया गया अलग

पिछले पांच साल में तीसरी ऐसी घटना सामने आयी है। जब भारतीय मूल के दंपति को उनके बच्चे से अलग कर दिया गया। उनपर बच्चे से मारपीट का आरोप लगा है।

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Dec 2016, 11:01:26 AM (IST)

नॉर्वे:

पिछले पांच साल में तीसरी ऐसी घटना सामने आयी है। जब भारतीय मूल के दंपति को उनके बच्चे से अलग कर दिया गया। उनपर बच्चे से मारपीट का आरोप लगा है।

नॉर्वे की सरकार ने ऑस्लो में रहने वाले एक भारतीय मूल के एक दंपति पर पांच साल के अपने बेटे को पीटने का आरोप लगाया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बच्चे के पिता अनिल कुमार ने कहा, 'नॉर्वे में बाल कल्याण विभाग ने 13 दिसंबर सुबह मेरे साढ़े पांच साल के बेटे को उसके किंडरगार्टन स्कूल से अपनी कस्टडी में ले लिया था।'

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अखबार के अनुसार उन्होंने आगे कहा 'हमें पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सुबह 10 बजे चार पुलिस अधिकारी मेरे घर आए और मेरी पत्नी को हिरासत में ले लिया। उनसे दोपहर तक पूछताछ की गई। मेरे बेटे को ऑस्लो से 150 किलोमीटर दूर हमार में बाल कल्याण केंद्र में रखा गया है।'

उन्होंने बताया कि उनके बच्चे से डेढ़ घंटे तक पूछताछ की गई और इसका वीडियो उन्हें दिखाया गया है। जब हमने उनसे इसका कारण पूछा तब हमें यह बताया गया कि हमने अपने बेटे के साथ मारपीट की है।

अनिल कुमार पंजाब से नॉर्वे 26 साल पहले चल गये थे। वह नॉर्वे में एक भारतीय रेस्त्रां चलाते हैं और वहां ओवरसीज़ फ्रेंड्ज़ ऑफ़ बीजेपी के उपाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में भाजपा नेताओं और भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

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इसके पहले पिछले 5 साल में ये तीसरी घटना है

-साल 2011 में सागरिका और अनुरुप भट्टाचार्या को उनके तीन साल व एक साल के बच्चे से अलग कर दिया गया था। जिसके बाद यूपीए सरकार ने नॉर्वे की सरकार से बातचीत की। जिसके कुछ समय बाद नॉर्वे की कोर्ट ने बच्चों को माता-पिता के बाद फिर से भेज दिया था।

-वहीं दिसंबर 2012 में एक भारतीय कपल को नॉर्वे सरकार ने बच्चों से गाली-गलौच के मामले में अपराधी ठहराया। अनुपमा वल्लभनेनी को 15 महीने की जेल भेजा गया व उनके पति चंद्रशेखर को 18 महीने की जेल हुई और उनके 2 और 7 साल के बच्चों को उनके ग्रैंड पैरेंट्स के पास हैदराबाद भेज दिया।