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मनमानी कर रहा था पाकिस्तान, तालिबान के धमकाते ही बंद कर दी एयरलाइंस सेवा

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से विमानों को निलंबित करने का एलान किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इंटनेशनल एयरलाइंस ने ये फैसला तालिबान अधिकारियों के मनमाना हस्तक्षेप और नियम परिवर्तन के कारण लिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Oct 2021, 07:22:45 AM (IST)

highlights

  • तालिबान अधिकारियों के मनमाना हस्तक्षेप से लिया फैसला
  • पाकिस्तानी एयरलाइंस के कर्मियों को डराया-धमकाया जा रहा
  • पाकिस्तानी एयरलाइंस के एक स्टाफ के साथ मारपीट भी की गई

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से विमानों को निलंबित करने का एलान किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इंटनेशनल एयरलाइंस ने ये फैसला तालिबान अधिकारियों के मनमाना हस्तक्षेप और नियम परिवर्तन के कारण लिया है. पाकिस्तानी एयरलाइंस के कर्मचारियों को लगातार डराया-धमकाया जा रहा था. इससे पहले तालिबान ने पाकिस्तानी एयरलाइंस पर टिकट के दाम बढ़ाने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी. पीआईए ने सुन्नी पश्तून समूह पर जिसने पिछले महीने अंतरिम सरकार की घोषणा की थी, मनमाने ढंग से नियम बदलने और कर्मचारियों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया. 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पीआईए के प्रवक्ता के हवाले से कहा, "हम अधिकारियों की सख्ती के कारण गुरुवार से काबुल के लिए अपने उड़ान संचालन को निलंबित कर रहे हैं. " रिपोर्टों से पता चलता है कि तालिबान अधिकारियों ने एयरलाइन कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और एक स्टाफ सदस्य के साथ भी मारपीट की. पीआईए के प्रवक्ता ने कहा है कि जब तक स्थिति अनुकूल नहीं हो जाती, काबुल से आने-जाने वाली उड़ानें निलंबित रहेंगी. पाकिस्तानी विमान यात्री को काबुल से इस्लामाबाद के लिए एकतरफा उड़ान के लिए 1,200 डॉलर तक की अत्यधिक राशि चार्ज करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. 
पीआईए एकमात्र अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक एयरलाइन थी जो काबुल से नियमित रूप से संचालित होती थी. एयरलाइन ने शुरू में कहा था कि वह कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और मिशनों के अनुरोध के बाद ही चार्टर्ड उड़ानों का संचालन करेगी. पाकिस्तानी एयरलाइन्स का कहना है कि उड़ानों की सुविधा "मानवीय मदद" के आधार पर की गई थी लेकिन "आर्थिक तौर पर कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं थी".