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अब चीन जीन से छेड़छाड़ कर सैनिकों को बना रहा महाबलशाली

चीन अपने खतरनाक इरादों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, इसकी बानगी कई बार देखने को मिली है. चीन एक बार फिर अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए कुछ ऐसा ही खतरनाक काम करने जा रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Jul 2021, 10:42:41 AM (IST)

highlights

  • चीन अपने खतरनाक इरादों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है
  • चीन एक बार फिर अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए खतरनाक काम कर रहा है
  • चीन अपने सैनिकों को शक्तिशाली बनाने के लिए ऐसा काम कर रहा है

नई दिल्ली:

चीन अपने खतरनाक इरादों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, इसकी बानगी कई बार देखने को मिली है. चीन एक बार फिर अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए कुछ ऐसा ही खतरनाक काम करने जा रहा है. दरअसल, चीन अपने सैनिकों को शक्तिशाली बनाने के लिए ऐसा काम कर रहा है, जिससे अमेरिका की भी नींद उड़ जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपने सैनिकों को ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डेटा का चोरी-छिपे अध्ययन कर रहा है. अमेरिकी सलाहकार समूह ने जो बाइडन सरकार को यह जानकारी देते हुए सतर्क किया है. अमेरिकी सलाहकारों का कहना है कि भविष्य में जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए चीन अपनी सेना को ज्यादा ताकतवर बना लेगा जो कि अमेरिका के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

चीनी कंपनी बीजीआई ग्रुप ने अब तक 80 लाख चीनी महिलाओं का डेटा जुटाया

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनी बीजीआई ग्रुप ने अब तक 80 लाख चीनी महिलाओं का डेटा अनैतिक ढंग से जुटाया है. दरअसल, यह कंपनी चीन समेत दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्ण जांच (प्रीनेटल टेस्ट) कराने के लिए प्रसिद्ध है. इस जांच में यह पता लगाया जाता है कि कहीं भ्रूण में कोई जीन संबंधी दोष तो नहीं है. रिपोर्ट का दावा है कि इस जांच के बहाने बीजीआई ग्रुप ने बड़ी तादाद में गर्भवतियों का जीन डेटा एकत्र कर लिया है. जीन डेटा में महिला की उम्र, वजन, लंबाई और जन्म स्थान की जानकारी है. इस आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वह ऐसे मानव गुणों का पता लगा रहे हैं, जिनसे आगे पैदा होने वाली आबादी के शारीरिक गुणों में बदलाव किया जा सकता है.

जीनोमिक डेटा तक पहुंच के जरिए चीन को आर्थिक और सैन्य लाभ मिल सकता है

अमेरिकी सरकार के सलाहकारों ने रिपोर्ट में कहा कि बड़ी तादाद में जीनोमिक डेटा तक पहुंच के जरिए चीन को आर्थिक और सैन्य लाभ मिल सकता है. इसके जरिए चीन संभावित रूप से आनुवंशिक रूप से उन्नत सैनिकों को विकसित कर सकता है. ये ऐसे सैनिक हो सकते हैं जिन्हें ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने पर सुनने और सांस लेने की क्षमता में अंतर नहीं आएगा. इसके अलावा, सलाहकारों को यह भी लगता है कि इस डाटा के जरिए चीन फार्मा क्षेत्र में वैश्विक दबदबा बनाकर या खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाकर अमेरिका के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है.