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ब्रिक्स सम्मेलन: डोकलाम के बाद भारत की बड़ी जीत, पाक समर्थित लश्कर-जैश आतंकवादी संगठनों की निंदा

ज़ियामेन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभी देशों के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं।

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Sep 2017, 11:00:51 PM (IST)

highlights

  • ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों में बनी सहमति 
  • बैठक में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का ज़िक्र

नई दिल्ली:

ज़ियामेन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभी देशों के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं।

शियामेन में 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 43 पृष्ठों के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम के साथ ही टीटीपी (तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान) को इस्लामिक स्टेट के बराबर बताया गया और उनके कार्यो की निंदा की गई। नई दिल्ली एलईटी व जेईएम को भारत में हुए आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराता रहा है।

बीते साल गोवा में हुए 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन ने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था।

भारत, अमेरिका व दूसरे देशों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर निंदा किए जाने के बाद भी चीन अतीत में अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का बचाव करता रहा है।

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ब्रिक्स नेताओं ने संयुक्त घोषणा पत्र में कहा, 'हम दुनिया भर में सभी आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं, जिसमें ब्रिक्स देशों में हुए हमले शामिल हैं।'

ऐसा पहली बार हुआ है जब ब्रिक्स देशों ने आतंकी संगठनों को नामज़द कर उनके खिलाफ करवाई की बात की है। घोषणापत्र में कहा गया है कि, 'हम इस क्षेत्र में तालिबान, आईएसआईएल / डीएआईएसएच, अल-कायदा और इसके सहयोगी संगठनों, जिनमें हक़्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिजब उथ- तहरीर जैसे आतंकी संगठनों की वजह से सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित है।'

इस शिखर सम्मेलन के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम को शामिल किया जाना भारत की बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है। यह चीन के रुख में मामूली बदलाव को भी दर्शाता है।

ब्रिक्स नेताओं ने डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण की भी निंदा की।

..in all its forms & manifestations wherever committed &by whomsoever & stress that there can be no justification: BRICS Xiamen Declaration

— ANI (@ANI) September 4, 2017

We express concern on the security situation in the region and violence caused by the Taliban, ISIL/DAISH, Al-Qaida...: BRICS Declaration

— ANI (@ANI) September 4, 2017

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इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने शिरकत की।

घोषणापत्र में कहा गया है कि हम विश्व में कहीं भी हुए, किसी भी प्रकार के आतंकी हमले की घोर निंदा करते हैं, फिर चाहे वो देश ब्रिक्स समूह में सम्मिलित हो या नही। आतंकवाद को किस भी रूप में सही नही ठहराया जा सकता फिर वो चाहे किसी खास देश के लिए या किसी खास समूह द्वारा प्रायोजित हो।

& its affiliates including the Haqqani network, Lashkar-e-Taiba, Jaish-e-Mohammad, TTP & Hizb ut-Tahrir: BRICS Leaders Xiamen Declaration

— ANI (@ANI) September 4, 2017

We strongly deplore the nuclear test conducted by DPRK (Democratic People's Republic of Korea): BRICS Leaders Xiamen Declaration #NorthKorea

— ANI (@ANI) September 4, 2017

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि इस सम्मेलन का इस्तेमाल कूटनीति के मायनों को कायम रखने के लिए होना चाहिए ताकि 'बेहद गर्म मुद्दो' को भी सुलझाने में मदद मिल सके, इस सम्मेलन में आतंकवाद या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर कोई बात नहीं होगी।

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