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लंदन में पाकिस्तान के खिलाफ बलूच कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, CPEC का किया विरोध

यूके में बलूच समुदाय के एक बड़े समूह ने रविवार को लंदन में मार्बल आर्क कंबरलैंड होटल के बाहर चीन पाक हिल रियल एस्टेट डेवलपर के आधिकारिक लॉन्च के खिलाफ प्रदर्शन किया।

News Nation Bureau
| Edited By :
31 Oct 2017, 11:48:37 AM (IST)

नई दिल्ली:

यूके में बलूच समुदाय के एक बड़े समूह ने रविवार को लंदन में मार्बल आर्क कंबरलैंड होटल के बाहर चीन पाक हिल रियल एस्टेट डेवलपर के आधिकारिक लॉन्च के खिलाफ प्रदर्शन किया।

बलूच प्रदर्शनकारियों ने तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) और मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ नारे लगाए। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अफगान समुदाय के लोगों ने भी बलूच प्रदर्शनकारियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान की नीतियां आतंकवाद समर्थक रहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान को चीन के समर्थन से बलूचिस्तान में मानवता के खिलाफ अपराध और उसकी क्रूरता को प्रोत्साहन मिल रहा है।

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प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना स्थानीय युवकों को अपहरण कर उन पर अत्याचार कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने `जीने का हक़ दो' के नारे लगाये और गायब हुए लोगों के बारे में सेना को जानकारी देने की मांग की।

चीन पाक हिल्स के वेबपेज के अनुसार, 'यह प्रोजेक्ट 500 अरब डॉलर का है, जिसे तीन चरणों में विकसित किया जाना है।'

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना पर जबरन जमीन कब्जाने का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जमीन के कागजात होने के बावजूद सेना उनकी जमीन को उनसे छीन रही है।

Pakistanis&Chinese plan occupation of Balochistan&sale of its resources without any consent or talks with Balcoh: Shahzavar Baloch, activist pic.twitter.com/L5DVPDO3pf

— ANI (@ANI) October 31, 2017

बलूच प्रदर्शनकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से अपील की है कि वे ग्वादर में भूमि न खरीदें क्योंकि बलूच लोग अपने पैतृक संपत्तियों को नीलाम करने की अनुमति नहीं देंगे। बलूच समुदाय के लोगों ने चीन के पाक हिल्स और अन्य रियल एस्टेट माफिया समूहों के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई है।

आपको बता दें कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान का सहभागी बनने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों ने चीनी सरकार और वहां के लोगों से भी आग्रह किया था।

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