आतंकवाद को पनाह दे रहा था जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370, पीएम नरेंद्र मोदी ने UAE में कहा
खलीज टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, यूएई ने उन्हें समझा है. साझा सुरक्षा को लेकर हमारा सहयोग जबरदस्त है.
नई दिल्ली:
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 4 दशक से सीमा पार आतंकवाद से जूझ रहा है. भारत और यूएई का यह सामान्य हित है कि जो ताकतें मानवता के खिलाफ काम कर रही हैं और आतंकवाद को पनाह दे रही हैं, उन्हें अपनी नीतियां छोड़नी होंगी. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पनाह दे रहा था. खलीज टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, यूएई ने उन्हें समझा है. साझा सुरक्षा को लेकर हमारा सहयोग जबरदस्त है.
यह भी पढ़ें : सिर्फ 1 रुपये में भरपेट खाना खा सकेंगे इस शहर के लोग, मेन्यू में होंगी ये चीजें
पीएम नरेंद्र मोदी बोले, हमारे आंतरिक कदम पूरी तरह लोकतांत्रिक और पारदर्शी हैं. इन्हें जम्मू-कश्मीर का अकेलापन दूर करने के लिए लाया गया है, जिससे वह विकसित नहीं हो पाया और कुछ लोगों के हितों को उससे फायदा होता था. इस अकेलेपन के कारण कई युवा बहक गए और आतंकवाद व हिंसा के रास्ते पर चले गए. उन्होंने कहा, हम इन प्रवृत्तियों को अपने समाज में कोई पैर जमाने नहीं दे सकते और हमें पूरे देश के विकास और प्राथमिक कार्यों से विचलित कर सकते हैं.
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से पूछा गया कि अमेरिका में अगले साल तक आर्थिक मंदी की आशंका है. क्या आप मानते हैं कि भारत और यूएई की आर्थिक साझेदारी इस बुरे वक्त से पार पा जाएगी. इस संबंध में आप क्या कदम उठाना चाहते हैं?
यह भी पढ़ें : पाकिस्तान पर फूटा कंगाल बम, रसातल में अर्थव्यवस्था और वेंटिलेटर पर सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. अगले 5 वर्षों में हमने 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है. यूएई अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता ला रहा है और अपनी ताकत के पारंपरिक क्षेत्रों से परे जा रहा है. साथ में, हमारे पास समृद्धि हासिल करने के लिए सोच, रोडमैप के साथ-साथ आकार, गति व संसाधन हैं. यह हम दोनों और दुनिया के लिए जीत की स्थिति है. हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती तालमेल और संयुक्त अरब अमीरात में लाखों भारतीयों की उपस्थिति का उपयोग करते हुए एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं.