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पूर्वी लद्दाख में चीन फिर कर रहा सैन्य अभ्यास, भारत की कड़ी नजर

पूर्वी लद्दाख में चीन फिर कर रहा सैन्य अभ्यास, भारत की कड़ी नजर

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Jun 2021, 02:59:21 PM (IST)

highlights

  • अपनी सीमा के एय़रबेस पर किया चीन ने सैन्य अभ्यास
  • भारतीय सेना भी सतर्क रह लगातार रखती रही नजर
  • पूर्वी लद्दाख हिंसा के बाद अभी भी जारी है गतिरोध

बीजिंग:

पूर्वी लद्दाख में हिंसक संघर्ष के बाद भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध को लगभग एक साल हो गए हैं. तनाव को कम करने और गतिरोध सुलझाने के लिए कई चरणों की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है. फिर भी मसला पूरी तरह से सुलझ नहीं सका है. अब पता चला है कि जारी गतिरोध के बीच चीन की वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा से थोड़ी दूर एयरबेस पर सैन्य अभ्यास किया. पिछले दिनों किए गए इस सैन्य अभ्यास में चीन के 20 से 22 लड़ाकू विमान शामिल रहे.

कुछ दिन पहले किया चीन ने सैन्य अभ्यास
चीनी वायुसेना का यह सैन्य अभ्यास काशगर, होटान, गार गुंसा हवाई अड्डों से संचालित किया गया. चीन ने हाल ही में अपने इन हवाई अड्डों को और विकसित किया है. यहां कंक्रीट के स्ट्रक्चर बनाए गए हैं. अब चीन अपने हर तरह के लड़ाकू विमानों को यहां से संचालित कर सकता है. भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस सैन्य अभ्यास के दौरान चीन के लड़ाकू विमान अपनी ही सीमा में रहे. फिर भी भारतीय पक्ष इस पर लगातार नजर बनाए रहा.

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भारतीय वायुसेना भी मजबूत स्थिति में
गौरतलब है कि चीन से लगती सीमा पर भारतीय वायुसेना ने भी अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. मिग-29 विमानों समेत अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को नजदीकी एयरबेस पर तैनात कर दिया गया है. समय-समय पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी सीमा के इस तरफ उड़ान भरते रहते हैं. इस तरह की कवायद बीते एक साल खासकर पूर्वी लद्दाख के हिंसक संघर्ष के बाद बढ़ गई है. 

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कई इलाकों में अभी आमने-सामने हैं सैनिक
एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना के लोग सालों से यहां गर्मियों में सैन्य अभ्यास करते आ रहे हैं. पिछले साल भी उन्हें इस दौरान यहां अभ्यास करते पाया गया था, लेकिन फिर वो यहां से आक्रामक तरीके से पूर्वी लद्दाख की ओर बढ़ गए थे. फिलहाल चीनी सेना अपने पुराने हिस्से तक सीमित है जिसमें कई जगह फासला 100 किलोमीटर से ज्यादा भी है. सूत्रों का कहना है कि ये खबर इसलिए भी अहमियत रखती है क्योंकि आपसी संधि के बाद पैंगोंग सो झील से दोनों ही मुल्कों ने अपनी सेना को वापस बुलाया लिया था और तब से ही गोगरा हाइट्स सहित हॉट स्प्रिंग के कई इलाकों, टकराव के विषयों को लेकर दोनों ही देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है.