तालिबान ने महिला न्यूज़ एंकर्स के लिए अनिवार्य किया फेस स्कार्फ, भारत ने दी ये सलाह
अफगानिस्तान की तालिबान ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोट का ऐलान किया है. इस ड्रेस कोड के मुताबिक महिला से बाहर निकलने पर पूरी तरह से बुर्के में ढक कर निकलने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही टीवी न्यूज एंकरों को भी चेहरा ढक कर एंकरिंग करने का आदेश सुनाया गया
highlights
- अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं के लिए अनिवार्य किया बुर्का
- फेस स्कार्फ लगाकर खबरें पढ़ने को मजबूर हुई महिला टीवी एंकर्स
- तालिबान की सख्ती के बाद सभी टीवी चैनलों में आदेश पर अमल शुरू
काबुल:
अफगानिस्तान की तालिबान ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोट का ऐलान किया है. इस ड्रेस कोड के मुताबिक महिला से बाहर निकलने पर पूरी तरह से बुर्के में ढक कर निकलने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही टीवी न्यूज एंकरों को भी चेहरा ढक कर एंकरिंग करने का आदेश सुनाया गया है. तालिबान के इस फरमान पर अफगानिस्तान में अमल भी सुरू हो गया है. टीवी चैनलों पर महिला एंकर चेहरे पर नकाब लगाकर न्यूज बढ़ती दिख रही है. हालांकि, तालिबान के इस फरमान की दुनियाभर में आलोचना शुरू हो गई है.
दुनियाभर में हो रही है आलोचना
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इसे मानव अधिकारों और देश में महिलाओं और लड़कियों के मौलिक स्वतंत्रता का हनन बताया है. वहीं, कई मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ताओं ने भी तालिबान के इस आदेश की निंदा की है. इसके साथ ही भारत सरकार ने भी तालिबान से इस फैसले को बदलने की अपील की है.
आलोचना से बेपरवाह बढ़ाई सख्ती
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तालिबान ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोड का ऐलान किया था. इसके साथ ही कहा था कि महिला एंकर चेहरा ढंककर खबर पढ़ें. तालिबान के इस फरमान के बाद शुरुआत में तो इस आदेश को कुछ नाम मात्र के मीडिया संस्थानों ने ही माना था. लिहाजा, अफगानिस्तान के टीवी चैनलों पर कुछ ही महिला टीवी एंकर चेहरा ढक कर खबर पढ़ती नजर आईं थीं. लेकिन, सख्ती के बाद इसे सब पर लागू करने के बाद अब मीडिया संस्थानों में महिला टीवी एंकर्स अपने चेहरे को ढंककर खबर पढ़ती नजर आ रही हैं.
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तालिबान के फरमान से महिला एंकर दुखी
तालिबान की सख्ती की वजह से महिला एंकर्स भले ही स्कार्फ में टीवी पर खबर पड़ती नजर आ रही है. लेकिन, तालिबान के इस जबरिया फरमान से ये महिला एंकर्स दिल से दुखी नजर आ रही है. TOLO news की एक टीवी एंकर सोनिया नियाजी ने मीडिया के बताया कि यह सिर्फ एक बाहरी संस्कृति है, जो हम पर थोपी जा रही है. ये संस्कृति हम महिलाओं को चेहरा ढंकने के लिए मजबूर करती है. उन्होंने बताया कि फेस स्कार्फ लगा होने से प्रोग्राम के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गौरतलब है कि 15 अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर फिर से कब्जा करने के बाद तालिबान ने शुरू में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड की घोषणा करते हुए प्रतिबंधों में कुछ ढ़ील दी थी. लेकिन, हाल के हफ्तों में उन्होंने एक बार फिर महिलाओं के प्रति अलग-अलग फरमान जारी कर सख्ती को बढ़ा दिया है.