अमरुल्ला सालेह ने सरकारी धन निकालने के लिए ताजिकिस्तान में राजदूत के साथ की सांठगांठ : रिपोर्ट
अमरुल्ला सालेह ने सरकारी धन निकालने के लिए ताजिकिस्तान में राजदूत के साथ की सांठगांठ : रिपोर्ट
संजीव शर्मा नई दिल्ली:
पजवोक न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। अधिकारियों के अनुसार, ताजिकिस्तान में काबुल के राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर द्वारा लाखों डालर के हेरफेर का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के साथ मिलकर मध्य एशियाई देश की एक बैंक से करीब 786,000 डालर की राशि अवैध रूप से निकाल ली है।
जबकि कुछ सूत्रों का दावा है कि गलती से करीब सात लाख 86 हजार डॉलर की राशि ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के दूतावास को भेजी गई थी। हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि यह राशि जानबूझकर दूतावास के खाते से निकाली गई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुशांबे में अफगानिस्तान दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान आने वाले तीन साल के वेतन, खर्च, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों के लिए राशि को ट्रांसफर किया गया था। इसे गलती से नहीं जानबूझकर ट्रांसफर किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि राशि के इस पूरे स्थानांतरण में अमरुल्ला सालेह, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राशि दूतावास के खचरें को पूरा करने के लिए भेजी गई थी।
जहीर अघबर ने अपने एक बयान में कहा है कि तालिबान शासन और तालिबानी पत्र हमारे लिए आधिकारिक नहीं हैं। अफगान विदेश मंत्रालय और कार्यवाहक राष्ट्रपति सक्रिय हैं। ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास विदेश मंत्रालय और कार्यवाहक राष्ट्रपति के निर्देशन में सभी मामलों में काम कर रहा है और सभी उनको ही जवाबदेह हैं।
बता दें कि बीते महीने 22 नवंबर को दुशांबे में अफगान दूतावास ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि वित्त मंत्रालय ने इस साल वेतन में गलती से अतिरिक्त 785,628 डॉलर स्थानांतरित किए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेश मंत्रालय ने इस साल विदेशी राजनयिकों के वेतन और अन्य विशेषाधिकारों का आकलन करने के बाद यह पाया है।
दूतावास ने दा अफगानिस्तान बैंक को राशि वापस करने के लिए कहा है। क्योंकि इसे गलती से स्थानांतरित कर दिया गया था।
अफगान वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद वली हकमल ने स्वीकार किया है कि पिछली सरकार के पतन से कुछ दिन पहले लगभग 786,000 डॉलर की राशि गलती से दुशांबे को हस्तांतरित की गई थी।
उन्होंने कहा कि अतीत में भी इसी तरह की गलती हुई थी और पैसा या तो वापस कर दिया गया था या भविष्य के विस्तार और वेतन जारी करने के लिए मुआवजा दिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि दूतावास को भेजी गई राशि के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
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