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अमेरिका का ईरान पर साइबर हमला, तेहरान की मिसाइल हमले की ताकत हुई कम

ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क पर साइबर हमले किए हैं. अमेरिकी समाचार पत्र वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इस साइबर हमले से रॉकेट और मिसाइल हमले में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Jun 2019, 03:38:26 PM (IST)

highlights

  • अमेरिका ने ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क नष्ट किया.
  • नष्ट किए गए कंप्यूटर मिसाइल हमले में होते थे इस्तेमाल.
  • सोमवार को यूएनएससी की बैठक. लग सकते हैं तेहरान पर नए प्रतिबंध.

वॉशिंगटन.:

वॉशिंगटन और तेहरान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपने हिसाब से तेहरान पर हमले शुरू कर दिए हैं. कह सकते हैं कि अपने कीमती निगरानी ड्रोन को गिराए जाने से नाराज अमेरिका ने ईरान को करारा जवाब दिया है. ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क पर साइबर हमले किए हैं. अमेरिकी समाचार पत्र वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इस साइबर हमले से रॉकेट और मिसाइल हमले में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि, अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस हमले को लेकर छपी रिपोर्ट की पुष्टि या खंडन नहीं किया है.

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सोमवार को तेहरान पर और कड़े प्रतिबंध संभव
बता दें कि अपना निगरानी ड्रोन मार गिराए जाने के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ईरान के खिलाफ सैन्य हमले का आदेश दिया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया था. याहू ने दो पूर्व खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा है कि अमेरिका ने सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण हॉर्मूज जलडमरूमध्य में जहाजों की निगरानी करने वाले एक जासूसी नेटवर्क को निशाना बनाया है. गौरतलब है कि सोमवार को ईरान हमले को लेकर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है. साथ ही सोमवार को अमेरिका ईरान पर नए और कड़े प्रतिबंध भी लगाने जा रहा है.

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विवाद की पृष्ठभूमि में है परमाणु समझौता
अमेरिका का दावा है कि हाल ही में ईरान ने हॉर्मूज जलडमरूमध्य में दो बार उसके तेल टैंकरों पर हमले किए. सुविज्ञ हो कि परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और गतिरोध बना हुआ है. इस बीच ईरान ने बीते गुरुवार को अमेरिका के एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया था. इसकी कीमत 18 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस घटना ने दोनों देशों के बीच विद्यमान तनाव को और बढ़ाने का काम किया. ईरान का कहना है कि ड्रोन ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था, जबकि अमेरिका का दावा है कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पर उड़ान भर रहा था.