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अमेरिका ने की 'भयानक गलती', काबुल एयरस्ट्राइक में 10 निर्दोष को मारे, मांगी माफी

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि काबुल में 29 अगस्त को किये गये एक ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निदोर्ष नागरिकों की मौत हो गई और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे आईएसआईएस-के से जुड़े हुए थे या अमेरिकी सेना के लिए खतरा थे.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Sep 2021, 07:57:29 AM (IST)

highlights

  • काबुल एयरस्ट्राइक भयानक गलती
  • अमेरिका ने माना मारे गए निर्दोष लोग
  • अमेरिका ने निर्दोषों को मारने के लिए मांगी माफी 

नई दिल्ली :

अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ने से पहले अमेरिका (America) ने काबुल पर एयरस्ट्राइक की थी. यह एयरस्ट्राइक काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले आतंकवादियों को मारने के लिए किया गया था. लेकिन इस हमले में आतंकवादियों की नहीं बल्कि 10 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी. अमेरिका ने इस तथ्य को मान लिया है और इसके लिए माफी मांगी है.  अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि काबुल में 29 अगस्त को किये गये एक ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निदोर्ष नागरिकों की मौत हो गई और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे आईएसआईएस-के से जुड़े हुए थे या अमेरिकी सेना के लिए खतरा थे.

 अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड ऑस्टिन ने काबुल में एयरस्ट्राइक करने के लिए माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मैं ड्रोन एयरस्ट्राइक हमले में मारे गए लोगों के पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि हम क्षमा चाहते हैं और हम इस भयानक गलती से सीखने की कोशिश करेंगे.

एक निदोर्ष सहायता कर्मी और उसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई

वहीं पेंटागन में जनरल केनेथ मैकेंजी ने भी इसके लिए माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड की एक जांच में पाया गया कि अमेरिकी हमले में एक निदोर्ष सहायता कर्मी और उसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई थी, जिनमें सात बच्चे भी शामिल थे.

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कार में विस्फोटक नहीं पानी के कंटेनर थे 

अमेरिका ने यह भी बताया कि जिस ट्रक के कंटेनर में विस्फोट रखते हुए देखा गया था वो दरअसल पानी के कंटेनर थे. बता दें कि जिस ट्रक पर हमला किया गया उसका ड्राइवर लंबे वक्त तक अमेरिकी मानवीय संगठन का कर्मचारी था. उसने परिवार समेत अमेरिका जाने के लिए आवेदन किया था. मृतक के रिश्तेदारों की माने तो वो हवाई अड्डे पर जाने के लिए एक फोन कॉल का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अमेरिका के एयर स्ट्राइक में पूरा परिवार चला गया. हमले में मारी गई सबसे छोटी बच्ची सुमाया महज दो साल की थी. अमेरिका ने माना कि स्ट्राइक में निशाना बनाया गया वाहन और मारे गए लोग ISIS-K से नहीं जुड़े थे और ना ही अमेरिका के लिए खतरा थे. 

अमेरिका ने इस गलती के लिए माफी मांगी है. केनेथ मैकेंजी ने बताया कि अमेरिका पीड़ितों के परिवार को मुआवजा भुगतान करने पर विचार कर रहा है.

अमेरिका ने निर्दोषों की जान लेने के लिए मांगी माफी 

बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले में 13 अमेरिकी जवानों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अमेरिका ने एयरस्ट्राइक किया था. अमेरिका ने एक कार पर ड्रोन से हमला किया था. उस वक्त अमेरिका ने बताया था कि  एक कार को बम से उड़ाया गया है, जिसमें कई आत्‍मघाती हमलावरों के होने की बात की जा रही है. यह भी कहा जा रहा है कि ये हमलावर काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने जा रहे थे. लेकिन जांच में कुछ और ही निकला. जिसे लेकर अमेरिका ने अब माफी मांगी है.