अफगानिस्तान की मस्जिद में नमाज के वक्त हुआ धमाका, 100 लोगों की मौत, कई घायल
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से स्थितियां बदतर होती जा रही है। यहां तालिबान विरोधी आतंकी संगठन सक्रिय हो गए हैं। शुक्रवार को शिया मुस्लिमों को निशाना बनाकर एक मस्जिद पर हमला किया गया. इसमें करीब 100 लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए.
highlights
- अफगानिस्तान के उत्तरी कुंदुज प्रांत में सैयद अबाद मस्जिद में हुआ धमाका.
- आतंकी घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान ने ली है.
- आत्मघाती हमलावर की पहचान एक उइगर मुस्लिम के तौर हुई है.
तेहरान:
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से स्थितियां बदतर होती जा रही है। यहां तालिबान विरोधी आतंकी संगठन सक्रिय हो गए हैं। शुक्रवार को शिया मुस्लिमों को निशाना बनाकर एक मस्जिद पर हमला किया गया. इसमें करीब 100 लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए. इस आतंकी घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान ने ली है. इसे ISIS-K के नाम से जाना जाता है. इससे पहले 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में इसकी आतंकी संगठन ने सबसे घातक हमला किया था। इसमें लगभग 170 नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार का विस्फोट अफगानिस्तान के उत्तरी कुंदुज प्रांत में सैयद अबाद मस्जिद में उस समय हुआ, जब यहां के स्थानीय लोग नमाज के लिए मस्जिद में शामिल हुए. इस धमाके में अब तक 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चश्मदीद के हवाले से बात सामने आई है कि मस्जिद में हुए विस्फोट में 100 से अधिक लोग मारे गए और करीब 20 लोग घायल हो गए.
व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ चुकी है
गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से आईएसआईएस के लड़ाके ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी ने दोनों समूहों के बीच व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ चुकी है. इससे पहले रविवार को काबुल की एक मस्जिद में बम धमाकों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 32 अन्य घायल हो गए थे. घटना काबुल की ईदगाह मस्जिद के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में हुई थी.
आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मस्जिद में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली है. बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर की पहचान एक उइगर मुस्लिम के तौर हुई है. हमले में शियाओं और तालिबान दोनों को निशाना बनाया गया.
इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकियों का अफगानिस्तान के शिया मुस्लिम अल्संख्यकों पर हमला करने का लंबा इतिहास रहा है. शुक्रवार को जिनको निशाना बनाया गया,वे हजारा समुदाय से हैं. यह हमला अमरीका और नाटो सैनिकों पर अगस्त हुए हमले के बाद सबसे भीषण हमला है.