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E-Shram card की दूसरी किस्त को लेकर बड़ा अपडेट, इस दिन खाते में डालने की तैयारी कर रही सरकार

e-Shram card : अगर आप भी ई-श्रमकार्ड (e-Shram scheme)की दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं, ये खबर आपके लिए है. क्योंकि उत्तर प्रदेश का श्रम विभाग दूसरी किस्त श्रमिकों के खाते में डालने की तैयारी कर रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Feb 2022, 04:24:28 PM (IST)

highlights

  • लाखों श्रमिकों के खाते में पहुंच चुकी है ई-श्रम योजना की पहली किस्त
  • अभी कुछ पात्र लोगों के खाते में नहीं पहुंची है ई-श्रमकार्ड की पहली किस्त 
  • वैरिफिकेशन के बाद दोनों किस्त एक साथ कर दी जाएंगी रिलीज 

 

नई दिल्ली :

e-Shram card : अगर आप भी ई-श्रमकार्ड (e-Shram scheme)की दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं, ये खबर आपके लिए है. क्योंकि उत्तर प्रदेश का श्रम विभाग दूसरी किस्त श्रमिकों के खाते में डालने की तैयारी कर रहा है. जानकारी के मुताबिक चुनाव समाप्त होते ही दूसरी किस्त के एक हजार रुपए श्रमिकों के खाते में ट्रांसफर कर दिये जाएंगे. हालाकि आपको बता दें कि कुछ खातों में अभी तक भी पहली किस्त के पैसे नहीं पहुंच पाए हैं. इसके लिए श्रम विभाग का मानना है कि कुछ खातों की अभी जांच चल रही है. पात्रता की जांच होते ही उनके खाते में पहली और दूसरी किस्त की धनराशि एक साथ ही जमा कर दी जाएगी. विभाग का मानना है कि यदि चुनाव आचार संहिता न लगती तो अब दोनों किस्तों के पैसे खातों में ट्रांसफर कर दिये गए होते.

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दरअसल, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने ई-श्रम पोर्टल (e-shram portal) के माध्यम से कामगारों का डाटा तैयार कराया था.  जिस पर श्रम विभाग महिनों से काम भी कर रहा था. ताकि कोई पात्र कामगार योजना के लाभ से अछूता न रह जाए. आपको बता दें कि जनवरी माह में  प्रदेश के 1.50 करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता राशि श्रमिकों के अकाउंट में ट्रासफर करने की सरकार की योजना थी. हालाकि सभी मजदूरों के खाते में अभी योजना का पैसा नहीं पहुंच सका है . ई-श्रम स्कीम  के तहत योगी सरकार कामगारों को भरण प-पोषण भत्ते के रूप में  500 रुपए प्रति माह  दिया जाना है. जिसका भुगतान श्रम विभाग हर दो माह में 1000 रुपए खातों में भेजकर करेगा.

 ये लोग हैं पात्र
योजना के तहत  सड़क किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं. इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं.  कोरोना के पहले संक्रमण के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे आकर समाज के इस सबसे वंचित वर्ग की हर संभव मदद की थी. दूसरे चरण में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। कोविड महामारी के बीच जीवन और जीविका को सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रयासों के क्रम में शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को  भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया था.