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संभल जाइए, उपभोक्ताओं से अगर की धोखाधड़ी तो होगी कड़ी कार्रवाई

अभी तक उपभोक्ताओं को सही और गलत शिकायत करने में ही लंबा वक्त खिच जाता था जिससे परिणाम आने में काफी देरी हो जाती थी.

News Nation Bureau
| Edited By :
09 Jan 2020, 10:20:45 AM (IST)

highlights

  • अब जल्द ही किसी भी उपभोक्ताओं के साथ चालाकी करना कंपनी को भारी पड़ने वाला है. 
  • उपभोक्ताओं के साथ भ्रामक प्रचार और उनको नकली सामान बेचना महंगा पड़ेगा.
  • सरकार अब धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत मिलने का इंतजार नहीं करेगी. 

नई दिल्ली:

अब जल्द ही किसी भी उपभोक्ताओं के साथ चालाकी करना कंपनी को भारी पड़ने वाला है. उपभोक्ताओं के साथ भ्रामक प्रचार और उनको नकली सामान बेचना महंगा पड़ेगा. सरकार अब धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत मिलने का इंतजार नहीं करेगी. दरअसल, सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) अब किसी भी जरिए से मिली जानकारी के आधार पर शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर सकती है. सीसीपीए को तय वक्त के अंदर यह तय करना होगा कि पहली नजर में यह शिकायत सही है या नहीं है. इसके साथ सीसीपीए को मामले की जांच का भी अधिकार होगा.

अगर सीपीसीए को कोई शिकायत पहली नजर में सही नहीं लगती है, तो सीसीपीए फौरन मामले को बंद करते हुए शिकायत करने की भी जानकारी दी जाएगी. उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच से शिकायतों के निपटारे में तेजी आएगी.

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अभी तक उपभोक्ताओं को सही और गलत शिकायत करने में ही लंबा वक्त खिच जाता था जिससे परिणाम आने में काफी देरी हो जाती थी.

सदस्यों की जिम्मेदारियां अब तय की गईं उपभोक्ता मंत्रालय ने नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के नियम भी तैयार कर लिए हैं. इन नियमों के तहत कमीशन के सदस्यों को शिकायतों को सुनने का समय और दूसरी जिम्मेदारियां तय की गई हैं. केंद्र में नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के साथ प्रदेश में कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन और जिला स्तर पर कंज्यूमर फोरम बनाने का भी प्रावधान है.

उपभोक्ता संरक्षण कानून पारित होने के बाद केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी के लिए नियम बनाए थे. इन नियमों के तहत सीसीपीए के पास किसी भी मामले की खुद संज्ञान लेते हुए जांच का अधिकार होगा. इतना ही नहीं, सीसीपीए के पास तलाशी और सामान जब्त करने का भी अधिकार होगा. अभी तक किसी भी मामले में उपभोक्ता फोरम खुद ही संज्ञान नहीं ले सकता था जब तक कि उसके पास शिकायत न आए.

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नियमों के मसौदे में कहा गया है कि सीसीपीए को शिकायत मिलने के बाद पंद्रह दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. माना जा रहा है कि इस पहल से उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी में कमी आएगी. कंपनियां भी बाजार में सिर्फ अच्छे उत्पाद को ही लेकर आएंगी.