पश्चिम बंगाल: बीजेपी को बड़ा झटका, विधायक सौमेन रॉय TMC में शामिल
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद यहां बीजेपी को एक के बाद लगातार झटके लगते जा रहे हैं. शनिवार को एक भाजपा नेता और विधायक ने बीजेपी का साथ छोड़ते हुए सत्ताधारी दल टीएमसी का दामन थाम लिया
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद यहां बीजेपी को एक के बाद लगातार झटके लगते जा रहे हैं. शनिवार को एक भाजपा नेता और विधायक ने बीजेपी का साथ छोड़ते हुए सत्ताधारी दल टीएमसी का दामन थाम लिया. बंगाल में विधानसभा उपचुनाव से पहले यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुमन रॉय ने पार्टी छोड़कर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली है. सौमेन रॉय पश्चिम बंगाल की कालियागंज से विधायक हैं. उन्होंने कोलकाता में राज्य मंत्री और पार्टी नेता पार्थ चटर्जी की मौजूदगी में टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की.
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भारत निर्वाचन आयोग ने काफी अटकलों के बाद शनिवार को भवानीपुर में उपचुनाव और मुर्शिदाबाद जिले के दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों- समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव की तारीख की घोषणा की. इन तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी. पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव से पहले उम्मीदवारों की मौत के कारण समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव रोक दिए गए थे. दूसरी ओर, भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है, क्योंकि मौजूदा विधायक सोवोंदेब चट्टोपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए जगह बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया था. बनर्जी हाल ही में संपन्न चुनावों में नंदीग्राम में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से हार गईं थीं और वह अभी भी विधायी निकाय की निर्वाचित सदस्य नहीं हैं.
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आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कई भाजपा विधायक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए कतार में हैं। इससे पहले तन्मय घोष के खेमा बदलने के अगले दिन उत्तर 24 परगना के बगदा से भाजपा विधायक बिस्वजीत दास ने 31 अगस्त को को तृणमूल में वापसी की. इस मौके पर तृणमूल के वरिष्ठ नेता पार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा, "लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास कार्यक्रम का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं और इसलिए वे पार्टी से हाथ मिलाने और इसे पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए आ रहे हैं." चटर्जी ने कहा, "बगदा के विधायक बिस्वजीत दास ने पार्टी में वापस आने की इच्छा व्यक्त की और हमारे सांसद और अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से अपील की और अंत में उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंजूरी मिली और यह निर्णय लिया गया कि उन्हें पार्टी में फिर से ले लिया जाए."