राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने CM ममता बनर्जी से बंगाल में हिंसा पर चुप्पी तोड़ने की अपील की
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी से चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक हिंसा पर चुप्पी तोड़ने, कानून व्यवस्था बहाल करने, पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया.
highlights
- 'बंगाल में लाखों लोग विस्थापित किए जा रहे'
- 'सत्ताधारी दल के गुंडों के पैरों पर गिर रहे लोग'
- बीजेपी नेताओं का डेलिगेशन भी राज्यपाल से मिला था
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी से चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक हिंसा पर चुप्पी तोड़ने, कानून व्यवस्था बहाल करने, पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने एक लेटर को सार्वजनिक किया है, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को उनका एक पत्र, ऐसी सामग्री के साथ जो वास्तविक तथ्यों के अनुरूप नहीं है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ बंगाल को ऐसा चित्रित करने की कोशिश कर रहे जैसे यहां फलस्तीन-इजराइल सरीखा युद्ध चल रहा है. तृणमूल के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि राज्यपाल अभूतपूर्व तरीके से प्रतिदिन राज्य सरकार पर हमला बोल रहे हैं.
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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, राज्यपाल, राज्य सरकार के विरुद्ध लगभग प्रतिदिन आधारहीन और जहरीले बयान दे रहे हैं. वह भाजपा के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं. वह यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं जैसे बंगाल में फलस्तीन और इजराइल सरीखा युद्ध चल रहा है. रॉय ने कहा कि यह किसी विशेष योजना के तहत किया जा रहा है. तृणमूल सांसद ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल राज्य में कानून व्यवस्था की ऐसी बदतर स्थिति दर्शाना चाहते हैं जो वास्तव में नहीं है.
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बीजेपी नेताओं का डेलिगेशन भी राज्यपाल से मिला था
राज्यपाल राष्ट्रपति और गृहमंत्री को पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट सौंपेंगे. राज्यपाल राज्य में बढ़ रही हिंसाओं को लेकर चिंतित हैं. बीजेपी के नेताओं का एक डेलिगेशन भी एक दिन पहले ही राज्यपाल से मिला था. राज्यपाल ने सोमवार को कहा कि उन्होंने इस ‘प्रतिशोधात्मक हिंसा’ पर काबू पाने के लिए प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में जानने के लिए मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को बुलाया है. उन्होंने यह भी दावा किया राज्य पुलिस ‘राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तार के तौर पर’ काम कर रही है.