कूच बिहार में मतदान के दिन भड़की हिंसा पर CRPF ने खुद को दिया क्लीनचिट, बंगाल ADGP ने बताई पूरी कहानी
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सितालकुची में हिंसा भड़क गई थी जिसमे चार लोगों की जान चली गई थी. इस हिंसा पर CRPF के तरफ से आज स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
कोलकाता :
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सितालकुची में हिंसा भड़क गई थी जिसमे चार लोगों की जान चली गई थी. इस हिंसा पर CRPF के तरफ से आज स्पष्टीकरण जारी किया गया है. CRPF के तरफ से कहा गया है कि सितालकुची के जिस बूथ पर हिंसा हुई थी वहां पर CRPF का कोई भी यूनिट तैनात नहीं था. CRPF के तरफ से बताया गया है कि बूथ नंबर 126 पर ना तो CRPF यूनिट तैनात था और न ही इस हिंसा में CRPF की किसी भी तरह का इन्वॉल्वमेंट है. उनका कहना है कि स्थानीय लोग पूरी जिम्मेदारी सुरक्षा बलों पर डाल रहे है हालांकि ये पूरी तरह से गलत है क्योंकि DIG ने डिटेल्स से बताया है कि घटना में सुरक्षा बलों की कोई गलती नहीं है.
बता दें कि इससे पहले बंगाल के ADGP जगमोहन ने बताया था कि ग्रामीणों के हमले के बाद केंद्रीय बल के जवानों की ओर से गोली चली, चार लोगों की मारे जाने की पुष्टि हुई है. हालांकि, टीएमसी नेताओं की तरफ से ज्यादा लोगों की मौत के दावे किए जा रहे हैं. कोच बिहार की घटना पर बात करते हुए पश्चिम बंगाल के ADGP ने बताया कि वोट करने के लिए एक युवक आया था, अज्ञात कारणों से उसकी मौत हो गई. इसी दौरान गश्त पेट्रोलिंग पर गए सीआईएसएफ जवानों को गांववालों ने घेर लिया था. गांववालों के हमले के बाद सीआईएसएफ की ओर से फायरिंग की गई. इसमें चार लोगों की मौत हो गई. घटना की जानकारी के मुताबिक, सितालकुची में पुल पर पहले 18 साल के एक युवक की गोली लगने से मौत की खबर आई थी. इसी के बाद केंद्रीय बल के और जवान वहां पहुंचे. लेकिन जब वहां जवान पहुंचे तो नाराज भीड़ ने जवानों पर अटैक कर दिया. ऐसे में केंद्रीय बलों के जवानों ने हवाई फायर की बजाय लोगों पर गोली चला दी.
बंगाल के ADGP जगमोहन का कहना था कि हिंसा के कुछ देर के बाद भीड़ का एक और समूह बूथ नंबर 186 में घुस हो गया और ड्यूटी पर मौजूद मतदान कर्मचारियों को रोकना शुरू कर दिया. सबसे पहले उन्होंने होमगार्ड और आशा कार्यकर्ता की पिटाई की, जो बूथ पर ड्यूटी पर मौजूद थे. CISF जवान ने उपद्रवियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने मतदान केंद्र में अन्य पोलिंग स्टाफ की पिटाई कर दी. कुछ उपद्रवियों ने वहां तैनात सीआईएसएफ कर्मियों के हथियार छीनने की कोशिश की. नतीजतन, CISF कर्मियों ने हवा में दो राउंड फायर किए, लेकिन भीड़ ने चेतावनी पर कोई ध्यान नहीं दिया.
कुछ ही देर फोर्स के और लोग आ गए और खतरे को देखते हुए आत्मरक्षा में उपद्रवियों की भीड़ पर 7 और राउंड गोलियां चलाईं. परिणामस्वरूप कुछ लोग घायल हो गए. जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया.
बता दें कि TMC डेरेक ओब्रायन का कहना है कि चार नहीं बल्कि आठ लोगों की मृत्यु हुई है जो तृणमूल के कार्यकर्ता थे. इस घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय केंद्रीय बलों को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी जानती है कि वे चुनाव हार रहे हैं, इसलिए वे अब मतदाताओं को मार रहे हैं. ममता ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और वोट के जरिए बदलने की बात कही है.