.

Doctors Strike: आखिरकार झुकीं दीदी, घायल जूनियर डॉक्टर से मिलने जा रहीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में दिल्ली मेडिकल असोसिएशन (DMA) और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने भी हड़ताली डॉक्टरों का समर्थन किया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Jun 2019, 01:24:13 PM (IST)

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के खिलाफ दिल्ली मेडिकल असोसिएशन (DMA) और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है और 17 जून को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. इससे पहले डीएमए के आह्वान पर दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में भी शुक्रवार को ओपीडी प्रभावित रहा. 

न्यूरो साइंस संस्थान में सीएम ममता बनर्जी घायल जूनियर डॉक्टर परिभा मुखोपाध्याय को देखने जा रही हैं. बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी के बुलावा प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. इसके बाद ममता बनर्जी को उनके सामने झुकना पड़ा और वह घायल डॉक्टर को देखने जा रही हैं.

यह भी पढ़ें ः पश्चिम बंगालः डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी के निमंत्रण को ठुकराया, जानें क्या है मामला

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एम्स) ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का एक अल्टीमेटम दिया है. अगर फिर भी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. वहीं पश्चिम बंगाल में एनआरएस मेडिकल एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर पांचवें दिन भी हड़ताल जारी रखी.

नई दिल्ली में एम्स के डॉक्टरों ने काली पट्टी और हेलमेट लगाकर मरीजों का इलाज किया. बताया जा रहा है कि एम्स में आज हड़ताल नहीं है. वहां के डॉक्टर्स काम पर लौट चुके हैं, लेकिन प्रोटेस्ट जारी रहेगा. वह शाम को विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं, एनआरएस (NRS) में आईएमए (IMA) का प्रतिनिधिमंडल जूनियर डॉक्टरों से मिल रहा है. इस बैठक के बाद डॉक्टर अपनी जनरल मीटिंग करेंगे.

प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. जूनियर डॉक्टर लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का विरोध कर रहे हैं. इमरजेन्सी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं ठप हैं. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. शाम छह बजे जूनियर डॉक्टर मेडिकल कालेज से सुभाष चौराहे तक कैंडल मार्च निकालेंगे. साथ ही सोमवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

दिल्ली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की चल रही हड़ताल को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की. इस दौरान डॉक्टरों ने कहा, डॉ. हर्षवर्धन को अपनी मांगें बताईं और जल्द से जल्द इसे पूरा करने की गुजारिश की.

यह भी पढ़ें ः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने डाक्टरों की हड़ताल को लेकर ममता को पत्र लिखकर कही ये बात

देश के 19 राज्यों के डॉक्टरों ने एक साथ मिलकर 17 को पैन इंडिया स्ट्राइक की घोषणा की है और इसकी जानकारी सभी ने अपने-अपने राज्यों को दे दी है. आरडीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी हैं. इस पर डॉ. हर्षवर्धन ने ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है. वहीं, जूनियर डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी के बुलावा प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उनका कहना है कि सीएम को मौके पर आकर माफी मांगनी चाहिए.

Kolkata: Junior doctors of NRS Medical and Hospital continue their strike for the fifth day over violence against doctors. #WestBengal pic.twitter.com/FIAlKIFwDR

— ANI (@ANI) June 15, 2019

यह भी पढ़ें ः SSKM अस्पताल के 300 डॉक्टरों का इस्तीफा, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने किया बंद का आह्वान

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल अभी खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. डॉक्टरों ने राज्य की सीएम ममता बनर्जी के बातचीत के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. इस बीच 300 से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में देश की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) भी आ गया है. IMA ने कहा है कि प्रदर्शन में काले बैज बांधना, धरना, शांतिपूर्ण मोर्चा शामिल होगा.

डॉक्टरों ने रखी है 6 शर्त

आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से बिना किसी शर्त के माफी की मांग की है. अपनी 6 मांगों में डॉक्टरों ने कहा कि सीएम को घायल डॉक्टरों का हालचाल जानने हॉस्पिटल जाना होगा और उनके ऑफिस को अधिकारिक बयान जारी कर हमले की निंदा करनी होगी. डॉक्टरों ने रेजिडेंट डॉक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ हुई कार्रवाई के अधिकारिक दस्तावेज देने की मांग की है. उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ सभी मामलों को बिना शर्त वापिस लेने की मांग की है. डॉक्टरों ने आधारभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की मांग के साथ डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने की मांग की है.