उत्तराखंड आपदा : 54 शव, 22 मानव अंग बरामद, 56 डीएनए सैंपल लिए गए
उत्तराखंड के आपदा ग्रस्त क्षेत्र से 54 मानव शव एवं 22 मानव अंग बरामद किए गए. इनमें से 28 शव तथा एक मानव अंग की पहचान हुई है. अभी तक विशेषज्ञ डॉक्टरों व डीएनए एक्सपर्ट्स की मदद से 56 मृतकों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं.
नई दिल्ली:
उत्तराखंड के आपदा ग्रस्त क्षेत्र से 54 मानव शव एवं 22 मानव अंग बरामद किए गए. इनमें से 28 शव तथा एक मानव अंग की पहचान हुई है. अभी तक विशेषज्ञ डॉक्टरों व डीएनए एक्सपर्ट्स की मदद से 56 मृतकों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं. वहीं पोस्टमार्टम की 57 कार्रवाई भी की गई हैं. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक तपोवन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा के दौरान एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एनटीपीसी, आर्मी, पुलिस एवं जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने तपोवन में बैराज साइट, इंटेक्ट एडिट टनल पर उपकरण के सहयोग से मलवा रिमूवल कार्य व रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्ध स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
राजस्व विभाग समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान सहायता राशि वितरण कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 7 चिकित्सक दलों के माध्यम से सोमवार तक 1295 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जबकि प्रभावित क्षेत्र के रिंगी, रेगड़ी, सुराई योथ व रैणी चकलाता में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं.
बीआरओ के समीक्षा के दौरान रैणी में बेलीब्रीज निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने लोनिवि, जलसंस्थन, विद्युत, संचार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने सोमवार को आईआरएस कैंप कार्यालय में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया एवं संबंधित अधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की.
रैणी क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेते हुए, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के टीम को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर मशीनों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है.
चमोली हादसे के बाद नई पनबिजली परियोजनाओं पर सरकार ने लगाया प्रतिबंध
उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद सरकार ने चमोली में किसी भी तरह की नई पनबिजली परियोजनाओं को लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उत्तराखंड के चमोली हादसे से 2 साल पहले इन प्रोजेक्ट्स को लेकर इस बात की चिंता भी जाहिर की गई थी कि यहां पर कभी भी ऐसी दुर्घटना हो सकती है. 7 फरवरी आए इस जलजले में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. अभी तक लापता लोगों की तलाश जारी है. उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद यहां एक सुरंग (टनेल) में लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है. जल स्तर बढ़ने से पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी. अब इस सुरंग में करीब 150 मीटर से भी ज्यादा मलबा साफ किया जा चुका है.