उत्तराखंड में व्यक्तिगत प्रयास से गरीबों के लिए खोला गया 'खुशियों का बैंक', ठंड में पहुंच रहा है फायदा
उत्तराखंड के हल्दवानी में स्थानीय निवासी प्रवीण भट्ट ने गरीबों के लिए एक 'खुशियों का बैंक' खोला है। यहां आप अपने पुराने और नए कपड़ों को दान कर सकते हैं, जिसके बाद यह कपड़े गरीबों के बीच बांट दिया जाता है।
नई दिल्ली:
भारत में तमाम सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के बावजूद एक बड़ा तबका मुफलिसी में जीने को मजबूर है। लाखों लोग गरीबी के कारण अपने बदन तक को भी सही तरीके से ढकने में असक्षम हैं।
ऐसे में समाज के किसी एक कोने में एक व्यक्ति जब अपने प्रयासों पर इनके लिए कुछ करने का प्रयास करता है, तो यह हमें और आपको सुकुन देता है साथ ही उन गरीबों के लिए खुशियों का अलग संसार बन जाता है।
जी हां, उत्तराखंड से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। राज्य के हल्दवानी में स्थानीय निवासी प्रवीण भट्ट ने गरीबों के लिए एक 'खुशियों का बैंक' खोला है।
यहां आप अपने पुराने और नए कपड़ों को दान कर सकते हैं, जिसके बाद यह कपड़े गरीबों के बीच बांट दिया जाता है। सबसे खास बात यह है कि ठंड में इस कार्य से गरीबों को काफी फायदा पहुंच रहा है।
'खुशियों का बैंक' के संयोजक प्रवीण भट्ट ने कहा, 'इस बैंक को खोलने के पीछे का उद्देश्य श्रमिकों के साथ-साथ हमारे गरीब भाईयों को आरामदायक जिंदगी सुनिश्चित करना था।'
उन्होंने कहा कि हमें लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। साथ ही इसके लिए हमें देहरादून और दिल्ली से भी चंदे (डोनेशन) आ रहे हैं।
आम लोगों के द्वारा किया हुआ इस तरह का प्रयास सरकारी तंत्र की विफलता के बीच मानवता की अच्छी तस्वीर पेश कर रहा है।
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