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प्रयागराज में फंसे प्रतियोगी छात्रों को 300 बसों से घर पहुंचा रही योगी सरकार

कोविड समीक्षा श्रमिकों, प्रतियोगी छात्रों और युवाओं को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई.

News Nation Bureau
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28 Apr 2020, 11:47:28 AM (IST)

प्रयागराज:

Coronavirus (Covid-19) : प्रदेश की 23 करोड़ आबादी को वैश्विक महामारी से बचाने के साथ ही बाहरी राज्यों में फंसे नागरिकों को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. इसके साथ ही श्रमिकों के लिए प्रदेश में 15 लाख रोजगार/नौकरियां देने के अभियान में भी योगी सरकार (Yogi Adityanath) जुटी है. आज की बैठक में इन्हीं विषयों पर पुरजोर चर्चा हुई है. कोविड (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) समीक्षा श्रमिकों, प्रतियोगी छात्रों और युवाओं को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई. प्रयागराज में विभिन्न जिलों के रहने वाले छात्र-छात्राओं (Students) को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत घरों तक सुरक्षित पहुंचाने संबंधी प्रक्रिया की समीक्षा.

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मध्य प्रदेश से प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने की रणनीति को लेकर समीक्षा की गई. अब तक आए सभी प्रवासी श्रमिकों व युवाओं के लिए गांवों-कस्बों और संबंधित जनपदों में ही 15 लाख रोजगार व नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई कमेटी की प्रगति की समीक्षा की. प्रयागराज में सबसे ज्यादा प्रदेश के प्रतियोगी विद्यार्थी रहते हैं. सभी विद्यार्थी लॉकडाउन के चलते वहां फंसे हुए हैं. कोटा से अपने विद्यार्थियों को लाने के बाद अब योगी सरकार प्रयागराज में फंसे विद्यार्थियों को उसके घरों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.

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जिले में सिर्फ 10,000 छात्र ही फंसे हैं

गौरतलब है कि प्रयागराज में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों छात्र और छात्राएं यहां फंसे हैं. इनके साथ ही बड़े पैमाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र यहां है. प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष प्रशान्त पाण्डेय ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की लेकिन, उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा करनी होगी कि जिले में सिर्फ 10,000 छात्र ही फंसे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन यह प्रयास सराहनीय है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से हजारों छात्रों और उनके परिजनों को राहत मिलेगी.फोटो युक्त पहचान पत्र दिखाकर यात्रा कर सकते हैं.