सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल की खुशबू ने विदेशियों को बनाया दीवाना
एक वर्ष में सिंगापुर, नेपाल समेत अन्य देशों में 50 टन से अधिक कालानमक चावल का हुआ निर्यात
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काकलनमक चावल की लोकप्रियता के पीछे योगी सरकार की बड़ी भूमिका है। सिद्धार्थनगर का ओडीओपी घोषित करने के बाद से सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए। योगी सरकार के ये प्रयास जमीनी स्तर पर रंग ला रहे हैं।कालानमक चावल का उत्पाद करने वाले कृषियों को अब अपने प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग प्रदेशों और विदेशों से ऑर्डर मिल रहे हैं। सिद्धाथर्नगर के विजय मिश्रा ने बताया कि पिछले एक साल से वो कालानमक चावल का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ओडीओपी कार्यक्रम में काला नमक चावल जुड़ने से हम लोगों को काफी लाभ मिला है। कालानमक चावल को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में योगी सरकार की अहम भूमिका है।
उन्होंने बताया कि मैं 50 से 60 मैट्रिक टन इस चावल का उत्पादन करता हूं। सालाना पांच से सात लाख की बिक्री हो जाती है। कालानमक चावल को यूएस, यूएई, फीलीपिन्स, दुबई, हॉगकांग में भेजा जा रहा है। इसके अलावा देश के दूसरे प्रदेशों जैसे अरूणाचल प्रदेश, मुम्बई, केरल में इसको निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से सिद्धार्थनगर में कालानमक का कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनकर तैयार है। इसके चलने पर ग्रेडिंग, पैकिंग से लेकर हर चीज की अत्याधुनिक सुविधा एक ही छत के नीचे मिल जाएगी।
सिंगापुर, नेपाल सहित चार देशों में 50 टन से अधिक कालानमक चावल हुआ निर्यात
एक जिला एक उत्पाद प्रोत्साहन योजना में शामिल होने के बाद कालानमक चावल का निर्यात बढ़ा है। एक वर्ष में सिंगापुर, नेपाल सहित चार देशों में 50 टन से अधिक कालानमक चावल का निर्यात हुआ है। जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि जिले में सात हजार से अधिक किसान 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कालानमक धान की खेती कर रहे हैं। इस वर्ष कालानमक चावल का रकबा 15 हजार हेक्टेयर से अधिक होने की संभावना है।
कालानमक चावल के बीज की तीन गुना बढ़ी बिक्री
काला नमक चावल के बीज की बिक्री तीन गुना बढ़ गई है। यूपी के देवरिया के रहने वाले श्रद्धानंद तिवारी खाद बीज का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार उनकी दुकान में लगातार लोगों का आना लगा है। इसकी बिक्री तीन गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर के ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) कालानमक धान का क्रेज। इसको लोकप्रिय बनाने के लिए योगी सरकार की ओर से लगातार किए गए प्रयास अब रंग दिखाने लगे हैं। इसकी खूबियों (खुशबू,स्वाद एवं पौष्टिकता) का जादू अब किसानों के सर चढ़कर बोल रहा है। श्रद्धानंद तिवारी के अनुसार खरीफ के मौजूदा सीजन में इसके बीज की बिक्री बढ़कर करीब तीन गुना हो गई है।