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मोदी जी उद्दोगपति दोस्तों में पैसे बाँटना चाहते हैं: राहुल गाँधी

इस देश में जो कमजोर लोग हैं चाहे वो बेरोजगार युवा हो या किसान-मजदूर, जिनके पास हज़ार करोड़ रूपए नहीं है मोदी जी उन्हें भूल गए हैं।

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Sep 2016, 09:25:22 PM (IST)

नई दिल्ली:


यूपी चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी लगातार रोड-शो और रैलियां कर रहे हैं जिससे कि राज्य के अन्दर पार्टी की स्थिती पहले से बेहतर हो सके। इसी कड़ी में आज राहुल गाँधी रायबरेली से लखनऊ पहूँचे जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री पर कई सवाल उठाये। राहुल ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपने उद्दोगपति दोस्तों के लिए सरकारी खजाने लुटा रहे हैं। मोदी जी चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा पैसा उनके उद्योगपति मित्रों को मिले।

इस देश में जो कमजोर लोग हैं चाहे वो बेरोजगार युवा हो या किसान-मजदूर, जिनके पास हज़ार करोड़ रूपए नहीं है मोदी जी उन्हें भूल गए हैं।

अपको बता दें कि राहुल किसानों के लिए अबतक 1500 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं।

राहुल के भाषण की मुख्य बातें

1.  "देवरिया से दिल्ली किसान यात्रा" के दौरान लखनऊ में राहुल गाँधी ने कहा कि "मोदी ने चुनाव में 2 करोड़ बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का वादा किया था। काला धन     वापस लाकर 15 लाख हर खाते में देने का वादा किया था, मिला क्या ? मोदी ने पूंजीपतियो को 1 लाख 10 हज़ार करोड़ का कर्ज माफ़ करते हुए सभी पैसे अपने 15 दोस्तों को बांट दिए।"

2. "अगर वो 15 दोस्तों को इतने पैसे दे सकते है तो किसानो का कार्जा भी माफ़ कर सकते है। ये यात्रा इसीलिए निकाली है ताकि दिल्ली तक हम ये बात पहूँचायें। अगर हमारी सरकार आयी तो सरकार बनने के 10 दिन के अंदर हम कर्जा माफ़ कर दिखाएंगे। UPA के समय 9 फीसदी ग्रोथ रेट इसीलिए हुआ की हमने मनरेगा दिया। साथ ही किसानो का कर्जा माफ किया, जिसकी वजह से गाँव में भी बेहतर इकॉनमी आई।"

3. "बीजेपी के लोग रेल बज़ट ख़त्म कर रहे है। मैं अरुण जेटली से कहना चाहता हूँ की किसान बजट शुरू कर दीजिये। आप बताइए कि किसानों को कितना पैसा देंगे। जेटली बतायें कि वो किसानो के लिए क्या करना चाहते हैं। कांग्रेस किसानों की पार्टी है, इसलिये हमने कर्जा माफ़ किया है। हमने उनके लिये भट्टा परसौल में लड़ाई लड़ी। किसान हम पर भरोसा करते हैं लेकिन आपने उनका विश्वास खो दिया है।"

4. "मोदी जी चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा पैसा उनके उद्योगपति मित्रों को ही मिले"