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मौलाना तौकीर रजा की अटपटी दलील, हिंदुओं के हैं ज्यादा बच्चे, जनसंख्या कानून उन्हीं के खिलाफ

मौलाना तौकीर ने एक तरफ जनसंख्या नियंत्रण कानून का स्वागत किया. वहीं, दूसरी तरफ इस कानून को लेकर अटपटी दलीलें भी दिया.

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Jul 2021, 12:36:52 PM (IST)

highlights

  • मौलाना तौकीर ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का स्वागत किया
  • साथ ही इस कानून को लेकर अटपटी दलीलें भी दिया
  • 'कोरोना नहीं है छुआछूत की बीमारी'

बरेली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में अभी करीब एक साल का वक्त है, लेकिन सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. जिसकी तैयारियां राजनीतिक पार्टियों ने कर रखी है. वहीं, इस बीच बरेली में इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बरेली दंगे के आरोपी मौलाना तौकीर रजा ने विवादित बयान दिया है. मौलाना तौकीर ने एक तरफ जनसंख्या नियंत्रण कानून का स्वागत किया. वहीं, दूसरी तरफ इस कानून को लेकर अटपटी दलीलें भी दिया. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) हिंदुओं के खिलाफ है क्योंकि हिंदुओं के ज्यादा बच्चे होते हैं. उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने के लिए कानून बन रहा है. उन्होंने आगे कहा कि  मुसलमानों के दो से ज्यादा बच्चे नहीं होते हैं और उन्हें वैसे भी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता है.

वैश्विक महामारी कोरोना (COVID-19 Pandemic) की दूसरी लहर में जहां देशभर में लाखों लोगों की जान चली गई तो वहीं अभी भी बहुत से लोग इस महामारी को धर्म से जोड़कर देख रहे हैं. बरेली (Bareilly) में इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqir Raza) ने कोरोना वायरस पर बेतुका बयान दिया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना का सहारा लेकर सामाजिक दूरी का प्रचार किया गया. असल में सामाजिक दूरी से कोरोना नहीं रुक रहा. जो लोग समाज में समूह में रहते हैं, उन्हें कोरोना नहीं हुआ. सामाजिक दूरी को बनाये रखने की बात उन लोगन ने की जो समाज में बंटवारा चाहते हैं. एक दूसरे से लोगों को दूर रखना चाहते हैं.

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमारा मजहब हमें ये सिखाता है कि कंधे से कन्धा मिलाकर हमें नमाज पढ़नी चाहिए. कोरोना कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है. मैं कोरोना के मरीजों के पास भी गया हूं, उनको छुआ भी है, जो लोग कोरोना से मरे हैं उनके अंतिम संस्कार में भी गया हूं. ऐसी महामारी बेइमानी, जुर्म और जातीय नफरतों की वजह और ताकत का गलत इस्तेमाल करने वालों की वजह से ऐसी बीमारियां फैलती है.