7 लोगों की हत्या करने वाले को मिली फांसी की सजा, 9 साल की लंबी सुनवाई के बाद फैसला
पुलिस ने कहा कि उनके शव पहली मंजिल पर, दूसरी मंजिल की सीढ़ियों की ओर जाने वाली गैलरी और यहां तक कि छत पर भी पाए गए. पुलिस ने कहा कि अपराध का पूरा दृश्य जूतों के निशान के साथ खून से सना था.
गाजियाबाद:
नई बस्ती ट्रेडिंग मार्केट में मई, 2013 में अपने घर के अंदर सात लोगों की सनसनीखेज हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति के लिए गाजियाबाद (Gaziabad) की एक अदालत सोमवार को फांसी की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. एक व्यवसायी की पत्नी, बेटे और बहू और उनके तीन नाबालिग बच्चों के साथ 21 मई, 2013 की रात को उनके पूर्व ड्राइवर राहुल वर्मा (Rahul Verma) ने 21 साल की उम्र में बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिन्होंने उन्हें कई बार चाकू मार दिया था. पीड़ितों की पहचान 65 वर्षीय सतीश गोयल (Satish Goyal), 62 वर्षीय उनकी पत्नी मंजू गोयल (Manju Goyal), उनके 36 वर्षीय पुत्र सचिन गोयल (Sachin Goyal), 34 वर्षीय बहू रेखा गोयल (Rekha Goyal) और उनके तीन बच्चों अमन, 10, मेघा, 14 और हनी, 12 के रूप में हुई थी.
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पुलिस ने कहा कि उनके शव पहली मंजिल पर, दूसरी मंजिल की सीढ़ियों की ओर जाने वाली गैलरी और यहां तक कि छत पर भी पाए गए. पुलिस ने कहा कि अपराध का पूरा दृश्य जूतों के निशान के साथ खून से सना था. पुलिस ने कहा कि हत्या रात 9-11 बजे के बीच हुई, जब पड़ोस के घर में तेज संगीत चल रहा था. नई बस्ती गाजियाबाद में घंटा घर के पास सबसे पुराने बाजारों में से एक है और यह एक पुराना आवासीय क्षेत्र भी है जहां तेल, मसालों, दवाओं आदि में काम करने वाले अच्छे व्यापारी रहते हैं. परिवार की पूरी तीन पीढ़ियों की हत्या से आम जनता में व्यापक आक्रोश फैल गया था. जिला सरकार के वकील राजेश चंद शर्मा ने कहा, “अदालत ने शनिवार को राहुल वर्मा को दोषी ठहराया था. इस पूरी घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है क्योंकि घर के सभी लोगों की एक के बाद एक हत्या कर दी गई. पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है. लंबे मुकदमे के दौरान हमने कई फोरेंसिक सबूतों पर भी भरोसा किया, जो दोषी के खिलाफ हमारे मामले को साबित करते हैं.