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ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा में बाढ़, प्रयागराज में प्रशासनिक अधिकारियों ने की बैठक

चमोली में ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा में बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है. इस आपदा से निबटने के लिए प्रयागराज में प्रशासनिक अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन की बैठक की. इस बैठक में कमिश्नर,आईजी, डीएम व डीआईजी समेत सभी आला अधिकारीयों ने हिस्सा लिया.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Feb 2021, 11:54:34 PM (IST)

प्रयागराज:

चमोली में ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा में बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है. इस आपदा से निबटने के लिए प्रयागराज में प्रशासनिक अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन की बैठक की. इस बैठक में कमिश्नर,आईजी, डीएम व डीआईजी समेत सभी आला अधिकारीयों ने हिस्सा लिया. इस आपदा प्रबंधन की बैठक मेला प्राधिकरण कार्यालय में की गयी. इस आपदा से निबटने के लिए आई ट्रिपल सी सभागार में आपदा प्रबंधन को लेकर रणनीति बनाई गयी. इस बैठक में प्रयागराज में गंगा नदी में होने वाले अनुमानित जलस्तर वृद्धि पर चर्चा की गयी और किसी भी आसामन्य परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाई गयी.

आपदा प्रबंधन की इस बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आला अधिकारियों को समस्याओं से अवगत करवाया और विस्तृत जानकारी दी. बता दें कि अनुमान है कि प्रयागराज में गंगा के जलस्तर में लगभग 60 से 70 सेंटीमीटर की 5 से 6 दिनों में हो वद्धि सकती है. फिलहाल 11 फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या के स्नान पर इस आपदा का कोई जयादा असर नहीं पड़ने वाला है.

कमिश्नर आर रमेश कुमार ने एहतियातन सभी विभागों को सतर्क रहने का दिया निर्देश। माघ मेले के तटीय इलाकों के पास बसी हुई संस्थाओं के शिविरों की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए हैं.आईजी के पी सिंह ने वास्तविक स्थिति का आंकलन करने का निर्देश दिया हैं. अधिकारियों को एनडीआरएफ टीम एवं अतिरिक्त पीएसी बल को स्टैंडबाई में रखने का निर्देश दिया गया है. डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने मेला क्षेत्र की कांनटुअर मैपिंग कराकर एक रिपोर्ट बनाने का  निर्देश है. 

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के रेणी गांव में रविवार को एक ग्लेशियर के फटने के बाद आई बाढ़ में लगभग 150 लोग लापता हो गए हैं या 'मृत' होने की आशंका जताई जा रही है. आईटीबीपी के जवान वहां बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन से प्राप्त हालिया जानकारी का हवाला देते हुए, आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि घटनास्थल से अब तक कम से कम 10 शव बरामद किए गए हैं, और कई लोगों को बचाया गया है, जबकि अन्य व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

घटनास्थल से प्राप्त अपनी प्रारंभिक जानकारी में, आईटीबीपी ने एक बयान के माध्यम से कहा था कि 'तपोवन एनटीपीसी कार्यस्थल के इंचार्ज के अनुसार, बैराज में 100 से अधिक मजदूरों और सुरंग में 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.. लगभग 150 लोग लापता हैं.'